बड़ी खबर

अब 365 दिन की राजनीति पर उतरी कांग्रेस, कर्नाटक चुनाव से राहुल-प्रियंका ने दिए संकेत

नई दिल्ली (New Delhi) । कर्नाटक विधानसभा चुनाव (karnataka assembly elections) में तमाम उम्मीदवारों (candidates) की किस्मत ईवीएम में बंद हो चुकी है। हार-जीत का फैसला शनिवार को होगा। कांग्रेस (Congress) और भाजपा (BJP) दोनों के लिए यह चुनाव अहम है। आगामी लोकसभा चुनाव पर कर्नाटक चुनाव प्रचार का असर पड़ना लाजिमी है। पर भाजपा के मुकाबले यह चुनाव कांग्रेस के लिए कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। कांग्रेस के लिए यह चुनाव कितना अहम है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे राज्य में डेरा डाले हुए हैं। उत्तर प्रदेश के बाद शायद कर्नाटक पहला राज्य है, जहां गांधी परिवार के तीनों सदस्य राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी ने चुनाव प्रचार किया है। स्थानीय नेताओं ने भी प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी।

पिछले कुछ वर्षों में हुए कई राज्यों के चुनाव के मुकाबले कर्नाटक में कांग्रेस ने आक्रामक प्रचार किया है। वहीं, भाजपा रक्षात्मक रही। चुनाव घोषणा पत्र में बजरंग दल के जिक्र को भाजपा ने मुद्दा बनाने में देर नहीं की, पर कांग्रेस आक्रामक रुख अपनाए रही। यह पहली बार है कि पार्टी ने गृहमंत्री के खिलाफ थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई।


फौरन पलटवार
वर्ष 2014 और उसके बाद लगातार भाजपा भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर निशाना साधती रही है। कर्नाटक ऐसा पहला चुनाव है, जहां कांग्रेस ने भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर भाजपा को कटघरे में खड़ा किया है। इतना ही नहीं, पार्टी ने प्रधानमंत्री के कांग्रेस पर गाली देने के आरोप और बजरंग बली को मुद्दा बनाने पर पलटवार में भी देर नहीं की।

सीधा संवाद
कर्नाटक चुनाव प्रचार में कांग्रेस ने रैली और रोड शो के साथ मतदाताओं से सीधा संवाद करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। राहुल-प्रियंका ने समाज के हर तबके तक चुनावी वादों को पहुंचाने के लिए कई नए तरीके अपनाए। इनमें राहुल गांधी का महिलाओं के साथ सफर करना और प्रियंका गांधी का भाषण रोककर एक व्यक्ति की बात सुनना शामिल है।

भाजपा की तरह राजनीति
कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस काफी हद तक भाजपा की तरह राजनीति करती दिखाई दी। भाजपा की तरफ से उछाले गए मुद्दों का जवाब देने के बजाय कांग्रेस सिर्फ अपनी बात रखती दिखी। इसके साथ कर्नाटक में चुनाव प्रचार खत्म होते ही प्रियंका गांधी वाड्रा ने तेलंगाना में युवा संघर्ष रैली को संबोधित कर कांग्रेस की चुनावी रणनीति में बदलाव के संकेत दे दिए।

इंदिरा अम्मा
तेलंगाना में युवा संघर्ष रैली को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने इंदिरा अम्मा का जिक्र किया। उन्होंने इंदिरा अम्मा का जिक्र कर तेलंगाना से कर्नाटक के लोगों को संदेश देने की कोशिश की। क्योंकि, कर्नाटक में इंदिरा गांधी को इंदिरा अम्मा कहते हैं। इसके साथ उन्होंने यह यकीन भी दिलाया कि इंदिरा अम्मा की तरह वह भी झूठे वादे नहीं करती हैं।

365 दिन की राजनीति
कांग्रेस पर अमूमन यह आरोप लगते रहे हैं कि वह सिर्फ चुनाव के वक्त प्रचार करती है, इसके बाद नेता नजर नहीं आते। पर कर्नाटक के फौरन बाद प्रियंका गांधी के तेलंगाना में प्रचार करने और राहुल गांधी के राजस्थान पहुंचकर पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में हिस्सा लेने से पार्टी 365 दिन की राजनीति करती दिख रही है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, कर्नाटक परिणाम के बाद पार्टी चुनावी राज्यों में प्रचार तेज करेगी।

इसलिए जरूरी है जीत
कांग्रेस के लिए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत बेहद जरूरी है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का यह गृह राज्य है। राज्य में पार्टी की जीत के वर्ष 2024 आम चुनावों से पहले सांकेतिक मायने भी हैं। कांग्रेस को आम चुनाव से पहले समान विचारधारा वाली पार्टियों का गठबंधन बनाने में मदद मिलेगी। जीत के बाद पार्टी की भूमिका अग्रणी हो सकती है।

राहुल गांधी
चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी एक बस में सफर करते हैं। सफर के दौरान वह महिलाओं से मुफ्त बस और पार्टी की चुनावी गारंटियों के बारे में चर्चा कर वोट देने की अपील करते हैं। बेंगलुरु में राहुल गांधी फूड डिलीवरी करने वाले लोगों के साथ एक रेस्टोरेंट में चाय पीते हुए उनसे चर्चा करते हैं। इसके बाद फूड डिलीवरी बॉय के साथ स्कूटर पर अपने होटल जाते हैं। चुनावी जनसभा के लिए जाते वक्त राहुल गांधी एक बस स्टॉप पर कुछ कॉलेज छात्रों को देखकर रुकते हैं। उसके पास बने रेस्टोरेंट में काफी पीते हुए छात्रों से पांच गारंटियों पर चर्चा करते हैं।

प्रियंका गांधी वाड्रा
मैसुरु में डोसा बनाना सीखा। इसके साथ महिलाओं से बातचीत करते हुए वादा किया है कि सरकार बनने के बाद वह भी उनके साथ सार्वजनिक परिवहन की बस में बैठकर मुफ्त यात्रा करेंगी। बीदर रैली के दौरान प्रियंका गांधी के भाषण के वक्त एक शख्स उन्हें नाम लेकर अपने पास बुलाता है। प्रियंका फौरन अपना भाषण रोक मंच से उतरकर उस शख्स के पास उसकी बात सुनने पहुंच जाती है। धारवाड़ में रैली के लिए जाते वक्त प्रियंका गांधी अचानक एक सड़क पर बने ढाबे पर रुक जाती हैं। वह वहां काली चाय का लुत्फ लेती हैं और लोगों से कांग्रेस के चुनावी वादों का जिक्र करती है।

Share:

Next Post

आतंकवाद पर फिर बेनकाब हुआ चीन, UN में भारत के इस प्रस्ताव का किया विरोध

Thu May 11 , 2023
जिनेवा (Geneva)। अंतरराष्ट्रीय मंच (international forum) पर आतंकवाद (terrorism) को लेकर चीन एक बार फिर बेनकाब (China once again exposed) हुआ है। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन (Pakistan based terrorist organization) जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के दहशतगर्द अब्दुल रउफ अजहर (terrorist Abdul Rauf Azhar) को काली सूची में डालने के भारत के प्रस्ताव पर चीन ने आपत्ति जताई […]