भोपाल। बीते आठ में कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन ने पहले ही लोगों को कमजोर कर दिया था। अब राशन, फल-सब्जी में आई महंगाई आमजन की कमर तोड़ रही है। शारदीय नवरात्र के 17 अक्टूबर से शुरू होने के साथ ही लगातार त्योहारों का दौर चलेगा। ऐसे में आम आदमी की जेब पर काफी वजन पडऩे वाला है। केवल एक महीने के अंतराल में ही तुअर दाल 35 रुपए महंगी हो गई है, जबकि उपवास में खाया जाने वाला सेंधा (फलहारी) नमक के दाम दोगुना बढ़ चुके हैं। वहीं महंगे हुए फल भी मध्यम वर्गीय परिवारों को बेरस लग रहे हैं। खाने का तेल व सब्जियों के भी भाव भी आसमान पर हैं। खास बात यह है कि खाद्य सामग्रियों के दाम बीते एक साल में जितने नहीं बढ़े, उससे कहीं अधिक बढ़ोत्तरी सिर्फ एक महीने में आ गई। हालांकि छोटा साबूदाना, मूंगफली दाना समेत कुछ अन्य के दाम स्थिर बने हुए हैं।
व्यापारियों के मुताबिक यह है महंगाई के कारण
- किराना: दालों के दाम जितने बढ़ रहे हैं, उसकी मांग भी उतनी ही अधिक हो रही है। बड़े व्यापारियों ने लॉकडाउन में बहुत अधिक कीमत पर किराना सामग्री बेची और स्टॉक भी रखा, इसलिे अब वहीं से सामान महंगा मिल रहा है। पर्याप्त बारिश न होने के कारण फसल भी प्रभावित हुई है।
- फल: बीते साल के मुकाबले इस साल फलों की आवक काफी कम है। इस साल फल ज्यादा भी नहीं हुए हैं। कोरोना के कारण प्रभावित हुआ जनजीवन भी इसकी वजह है। आगामी नवरात्र में और अधिक दाम बढऩे की आशंका है, क्योंकि मांग बढ़ जाएगी।
- सब्जियां: लॉकडाउन में किसानों को सब्जियां फेंकनी पड़ी थीं। कोरोना काल में बाजार खुल जाने पर भी किसानों को सब्जियों के उचित दाम नहीं मिले। ऐसे में किसानों ने सब्जी कम पैदा की है। वर्तमान में सब्जियों की आवक कम है, इसलिए भाव बढ़े हुे हैं।