
लंदन। रूस से तेल खरीद पर प्रतिबंध लगाने के यूरोपीय संघ के समर्थन से वैश्विक बाजार में कच्चा तेल बुधवार को 105 डॉलर के पार पहुंच गया। इससे पहले पिछले दो सत्रों में कच्चे तेल की कीमतों में 10 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी।
इसके बाद यूरोपीय संघ के प्रतिबंध पर समर्थन और आपूर्ति संबंधी चिंता बढ़ने से ब्रेंट क्रूड 2.99 फीसदी बढ़कर 105.45 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया। जानकारों का कहना है कि यूरोपीय संघ के रूसी तेल पर प्रतिंबध लगाने के प्रस्ताव से आने वाले समय में तेल की कीमतें और बढ़ सकती हैं।
एक ब्रोकरेज हाउस ने कहा, चीन की अर्थव्यवस्था में राहत की उम्मीदों के कारण भी तेल की कीमतों में तेजी बनी रही। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमत इस साल बढ़कर 139 डॉलर पर पहुंच गई थी।
मोर्गन स्टेनली ने भारत की वृद्धि दर घटाई
मोर्गन स्टेनली ने भारत की जीडीपी की वृद्धि दर घटा दी है। इसने कहा है कि चालू वित्तवर्ष में देश की विकास दर 7.6 फीसदी रह सकती है। अगले साल में इसके एक फीसदी घटकर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान है।
उसके पहले के अनुमान की तुलना में यह 0.30 फीसदी कम है। इसने कहा है कि रूस-यूक्रेन के बीच संघर्ष और साथ ही भारत में महंगाई की वजह से विकास दर पर असर दिख सकता है। भारत दुनिया में तेलों के आयात में तीसरा सबसे बड़ा बाजार है।
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