विदेश

यूक्रेन की सरकारी वेबसाइट्स पर साइबर अटैक, रूस ने पड़ोस में और सेना भेजी

कीव/मॉस्को। रूस(Russia) के साथ सीमा विवाद(border dispute) के बीच यूक्रेन (Ukraine) पर एक बड़ा साइबर हमला(cyber attack) हुआ है जिसके बाद से देश की कई सरकारी वेबसाइटें बंद (government websites closed) हैं। यूक्रेन(Ukraine) ने नागरिकों से डरने व इससे भी बड़े खतरे की आशंका जताई है। जबकि रूस, जो पहले ही पड़ोसी सीमा पर एक लाख से ज्यादा सैनिक भेज चुका है, ने एक अभ्यास में और अधिक बलों की तैनाती की तस्वीरें टीवी पर जारी की हैं। रूस ने इस पर चुप्पी बरती है।
रूस व पश्चिमी देशों (Russia and western countries) में हुई बैठकों में कोई सफलता न मिलने के बाद यह नया दृश्य इस क्षेत्र में दिखाई दिया है। एक वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि युद्ध का नगाड़ा बड़ी जोर से बज रहा है। हालांकि रूस ने यूक्रेन पर हमला करने की योजना से इनकार किया है लेकिन कहा कि यदि उसकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो अनिर्दिष्ट कार्रवाई संभव है। उसने कहा है कि नाटो गठबंधन यूक्रेन को कभी भी अपने में शामिल न करने का वादा करे।



रूस ने कहा है कि उसके सुदूर पूर्व में दूर-दराज के सैन्य स्थलों पर अभ्यास के लिए सेना की तैनाती की जाएगी। इस बीच रक्षा मंत्रालय के फुटेज में कई बख्तरबंद वाहन और अन्य सामान यहां रवाना होते दिखाई दिए हैं। उधर, साइबर हमले के बाद यूक्रेन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने फेसबुक संदेश में लिखा, चिंता करो तथा और बुरे की उम्मीद करो, यह तुम्हारे भूतकाल, वर्तमान और भविष्य के लिए है।
अमेरिका स्थित विदेश नीति अनुसंधान संस्थान के सहायक और सैन्य विश्लेषक रॉब ली ने कहा कि यूक्रेन की ओर बढ़ने वाली रूसी सैन्य यूनिटें एक तरह का संभावित रक्षा कवर हैं। यह मूवमेंट बताता है कि रूस का इरादा यूक्रेन पर तनाव कम करने का कतई नहीं है। वह पश्चिम को वार्ता की मेज पर बाध्य करने और सुरक्षा गारंटी के लिए अपनी मांगें मनवाने के लिए अपनी सेना का इस्तेमाल कर रहा है।
यूक्रेन के अधिकारी एक बड़े साइबर हमले की जांच कर रहे हैं। इस हमले में विदेशी मामलों के मंत्रालय, मंत्रियों की कैबिनेट और सुरक्षा व रक्षा परिषद समेत कई सरकारी निकायों में गड़बड़ी हुई है। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि हमले में कंप्यूटर का सारा डाटा नष्ट हो गया है जिसे पुनर्स्थापित करना असंभव है। उन्होंने कहा, अभी यह नहीं कह सकते कि हमले के पीछे कौन है।
यूक्रेन पर हुए साइबर हमले के बाद नाटो ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन को लेकर रूस और पश्चिम के बीच बढ़ते तनाव के समय में हुए इस हमले को देखते हुए यूक्रेन के साथ साइबर सहयोग को गहरा करने की योजना है।
व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस के साइबर अभियानों की निगरानी करने वाली खुफिया एजेंसियों का मानना है कि रूस की गतिविधि का पैटर्न अगले 30 दिनों के भीतर यूक्रेन पर जमीनी आक्रमण का संकेत दे सकता है।

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