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धनतेरस पर डीजल स्थिर, पेट्रोल हुआ और महंगा, यहां जानें कीमत

नई दिल्ली। धनतेरस (Dhanteras) के दिन भी ईंधन की बढ़ती कीमतों (rising fuel prices) से कोई राहत नहीं मिली है। आज यानी 2 नवंबर को पेट्रोल (Petrol) के दाम बढ़ा दिए गए, हालांकि आज डीजल (Diesel) के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इंडियन ऑयल (Indian Oil) द्वारा आज सुबह जारी रेट लिस्ट के मुताबिक पेट्रोल 35 पैसे प्रति लीटर महंगा (Petrol costlier by 35 Paise per liter) हो गया। दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 110.04 रुपये व डीजल 98.42 रुपए प्रति लीटर हो गया है। श्रीगंगानगर में पेट्रोल 122.70 रुपये लीटर पर पहुंच गया है।

इंदौर : पेट्रोल- 118.95    डीजल- 108.03

भोपाल: पेट्रोल- 118.75    डीजल- 107.83

जबलपुर: पेट्रोल- 118.93    डीजल- 108.01

उज्जैन: पेट्रोल- 119.24    डीजल- 108.29

दिल्ली में पेट्रोल 110.04 और डीजल 98.42 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है तो वहीं मुंबई में पेट्रोल 115.85 और डीजल 106.62 रुपये प्रति लीटर है। जबकि, चेन्नई पेट्रोल 106.66 और डीजल 102.59 रुपये प्रति लीटर है तो कोलकाता पेट्रोल 110.49 और डीजल 101.56 रुपये प्रति लीटर।



अक्तूबर में 31 दिनों में से 24 दिन इन दोनों की कीमतों में बढ़ोतरी गई थी और उस दौरान पेट्रोल 7.70 रुपये प्रति लीटर और डीजल 8.30 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया था। मंगलवार को मिलाकर 26 दिनों में पेट्रोन 8.20 रुपये और डीजल 8.65 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। देश में झारखंड में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अंतर समाप्त होने के करीब पहुंच गया है।

अक्टूबर में भारत में डीजल की बिक्री कोविड-पूर्व के स्तर को पार कर गई है। महामारी शुरू होने के बाद से ऐसा केवल दूसरी बार हुआ है। इसकी वजह त्योहारी सीजन से पहले औद्योगिक गतिविधियों के तेज होने के साथ ईंधन की मांग बढ़ना है। प्रारंभिक बिक्री के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की डीजल बिक्री 58.6 लाख टन थी, जो 2019 में इसी महीने की तुलना में 1.3 प्रतिशत अधिक थी।

इससे पहले अक्टूबर, 2020 में भी डीजल की बिक्री महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच गयी थी। हालांकि, अक्टूबर 2021 की बिक्री पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 5.08 प्रतिशत कम है। भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की कुल खपत में डीजल की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है।

आंकड़ों के अनुसार, पेट्रोल की बिक्री अक्टूबर, 2021 में एक साल पहले की तुलना में करीब चार प्रतिशत वृद्धि के साथ 24.8 लाख टन रही। पेट्रोल की खपत इस साल की शुरुआत में महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच गयी थी। कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर की शुरुआत से पहले मार्च में ईंधन की मांग लगभग सामान्य स्तर पर पहुंच गयी थी।

रसोई गैस एलपीजी की बिक्री भी छह प्रतिशत बढ़ी
हालांकि, विमान ईंधन एटीएफ की मांग में गिरावट जारी है। अक्टूबर में एटीएफ की बिक्री 4,34,600 टन रहीं, जो महामारी-पूर्व के 2019 के स्तर से 34 प्रतिशत कम है। अक्टूबर में रसोई गैस एलपीजी की बिक्री भी छह प्रतिशत बढ़कर 25 लाख टन हो गयी।

हर सुबह होती तय होती हैं कीमतें
दरअसल विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमत के आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियां कीमतों की समीक्षा के बाद रोज़ाना पेट्रोल और डीजल के रेट तय करती हैं। इंडियन ऑयल , भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम रोज़ाना सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की दरों में संशोधन कर जारी करती हैं।

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