बुधवार (Budhwar) का दिन भगवान गणेश (Lord Gannesha) को समर्पित माना गया है। गौरीपुत्र भगवान गणेश सभी देवी-देवताओं में प्रथम आराध्य माने जाते हैं। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार हर वार किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। गणेश भक्त बुधवार के दिन भगवान गणेश की विशेष तौर पर आराधना एवं पूजा करते हैं। मान्यता है कि बुधवार के दिन अगर व्रत रखकर भगवान गणेश का विधि-विधान पूर्वक पूजन किया जाए तो व्यक्ति के जीवन के समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं। जीवन सुखमय हो जाता है और घर धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाता है। घर में रिद्धि एवं सिद्धि की भी वास हो जाता है।
यह भी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति व्रत शुरू करने के बाद अगले 7 बुधवार तक व्रत (Budhwar Vrat) रखता है तो जातक के जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। उसके घर अन्न के भंडार हो जाते हैं और धन कभी खाली नहीं होता है। उसका यश दिन पर दिन बढ़ता जाता है।
ये है बुधवार व्रत की पूजा विधि
बुधवार का व्रत करने वाले व्यक्ति को सुबह सूर्योदय से पहले उठना चाहिए। उसके बाद स्नान कर साफ कपड़े पहनने चाहिए। उसके बाद एक तांबे के पात्र में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करना चाहिए। मूर्ति स्थापना के पहले पात्र को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए। इसके बाद पूजा (worship) के स्थान पर पूर्व दिशा में मुंह कर बैठ जाएं। अगर ऐसा संभव न हो तो उत्तर दिशा की ओर चेहरा कर भगवान गणेश की पूजा शुरू करना चाहिए।
एक स्वच्छ आसन पर बैठें और पूजन के दौरान गणेश जी को फूल, धूप, दीप, चंदन और कपूर चढ़ाएं। बप्पा को दूब यानी दूर्वा अर्पित करना भी श्रेष्ठ माना जाता है। पूजा का जब समापन हो रहा हो तो गणेश जी को उनके पसंदादा मोदक का भोग लगाना चाहिए। आखिर में ॐ गं गणपतये नमः का तल्लीनता से 108 बार जाप करना चाहिए।
बुधवार को करें ये उपाय
– बुधवार के दिन गणेश जी को घी और गुड़ का भोग लगाएं और इस भोग को गाय को खिलाएं। इससे धन-संपत्ति में बढ़ोतरी होकर जीवन समृद्ध होता है।
– कलह-क्लेश रोकने के लिए दूर्वा के गणेशजी बनाएं और उनकी पूजा विधि-विधान से करें। इससे परिवार के सदस्यों के बीच आपसी प्रेम बढ़ता है। मान्यता है कि घर के मुख्य द्वार पर भगवान गणेश की मूर्ति लगाने से भी नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं कर पाती हैं।
– मान्यता के अनुसार गणपति जी (ganpati ji) को मीठा खाना बहुत पसंद है, खासकर मोदक। ऐसे में गणेश जी को मोदक अर्पित करें। आखिर में मन ही मन बप्पा का ध्यान करते हुए 108 बार ॐ गं गणपतये नमः का जाप करें।
– गणेश जी को दूर्वा भी काफी प्रिय मानी गई है। मान्यता के अनुसार दूर्वा घास में अमृत का वास होता है। इसे गणपति अर्पित करना काफी शुभ माना जाता है।
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