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Earthquake: लेह-लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में फिर कांपी धरती, दोनों जगह 4 से ज्यादा रही तीव्रता

जम्मू (Jammu )। लेह-लद्दाख (Leh-Ladakh) और जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में एक बार फिर भूकंप (Earthquake) आया है। लेह-लद्दाख में रात 2.16 मिनट पर और जम्मू कश्मीर के कटरा में तड़के 3.50 बजे आने वाले भूकंप की तीव्रता 4.1 रही। इससे पहले लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किये गये थे। रिक्टर पैमाने (Richter scale) पर लद्दाख में आए भूकंप की तीव्रता 4.5 (Earthquake intensity 4.5) रही जबकि जम्मू-कश्मीर में आए भूकंप की तीव्रता 4.4 मापी गई।

जानकारी के अनुसार केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में शनिवार रात को हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.4 रही। भूकंप का केंद्र जम्मू-कश्मीर के डोडा में 18 किलोमीटर जमीन के अंदर रहा। फिलहाल की कहीं से किसी तरह के नुकसान की बात सामने नहीं आई है।


इससे पहले आज ही रामबन में भी भूकंप आया था। अधिकारियों के अनुसार इसकी तीव्रता 3.0 की थी। मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि भूकंप दोपहर करीब 2.03 बजे आया था।

क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

कैसे मापा जाता है भूकंप की तीव्रता और क्या है मापने का पैमाना?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

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