
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि हम मजबूत आर्थिक गतिविधियों (strong economic activity) के दौर में हैं। उन्होंने कहा कि कर्ज के बोझ तले दबी कंपनियों (debt-ridden companies) के लिए लाए गए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) कानूनों (Insolvency and Bankruptcy Code (IBC) Laws) की चमक फीकी नहीं पड़नी चाहिए।
सीतारमण ने शनिवार को कर्ज समाधान प्रक्रिया के नियामक संस्थान भारतीय ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला बोर्ड (आईबीबीआई) के छठें सालाना दिवस के मौके पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा है कि वर्तमान में मुद्रास्फीति प्रबंधनीय स्तर पर है। ऐसे में हम देश के दिवाला और दिवालियापन कानूनों को कमजोर नहीं होने दे सकते।
वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में आईबीसी कानून के बीते छह साल और आगे की राह के बारे में चर्चा की। उन्होंने महंगाई के उच्च स्तर पर बने रहने के मुद्दे पर कहा कि अब भी यह स्तर संभाले जाने लायक है। गौरतलब है कि आईबीसी कानून के तहत कर्ज समाधान प्रक्रिया के नियामक संस्थान आईबीबीआई का गठन किया गया था। आईबीसी कानून वर्ष 2016 में लागू किया गया था। (एजेंसी, हि.स.)
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