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चुनाव आयोग ने की 4M से सख्ती से निपटने की पूरी तैयारी, आचार संहिता के उल्लंघन पर चलेगा डंडा

नई दिल्‍ली (New Delhi) । मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ने लोकसभा चुनाव 2024 (lok sabha election 2024) की घोषणा करते हुए कहा कि इस चुनाव में 4एम यानी बाहुबल, धनबल, गलत सूचना और आचार संहिता का उल्लंघन में मामले में चुनौतियां हैं। आयोग ने हालांकि दावा किया कि इससे निपटने में वह पूरी तरह सक्षम और प्रतिबद्ध है। राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में चार प्रमुख चुनौतियां हैं।

इसमें पहला मसल पावर यानी बाहुबल है। इससे निपटने के लिए निर्वाचन आयोग ने कुछ दिशा-निर्देश और नियम जारी किए हैं ताकि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से हो सकें। उन्होंने कहा कि हमने समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलाधिकारियों (डीएम), पुलिस अधीक्षक (एसपी) को सख्त निर्देश जारी किए हैं।

सीमाओं पर ड्रोन से निगरानी
अर्धसैनिक बलों को पर्याप्त रूप से तैनात किया जाएगा। प्रत्येक जिले में एकीकृत नियंत्रण कक्ष द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं पर ड्रोन से भी निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि चुनाव में हिंसा अस्वीकार्य है, और चुनाव के दौरान किसी तरह की कोई हिंसा होती है तो निर्वाचन आयोग कड़ी कार्रवाई करेगा।


सूर्यास्त के बाद नकदी लेकर नहीं चल सकेंगे बैंक वाहन
आयोग ने दूसरे एम यानी धनबल की चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि 2022-23 के चुनाव चक्र में, 11 राज्यों में पांच साल पहले की तुलना में नकदी जब्ती 835 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। आयोग ने कहा, पिछले 11 राज्यों के चुनाव में धनबल को रोकने के अभियान में 3,400 करोड़ रुपये जब्त की गई। राजीव कुमार ने कहा कि कानून के प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध धन, शराब, ड्रग्स और मुफ्त वस्तुओं पर नकेल कसने और सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव में धनबल को रोकने के लिए यह आदेश दिया गया है कि सूर्यास्त के बाद नकदी लेकर बैंक के वाहनों की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जाएगी। गैर-अनुसूचित चार्टर्ड उड़ानों की निगरानी और निरीक्षण किया जाएगा। अवैध ऑनलाइन नकद हस्तांतरण पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

फर्जी सूचनाएं आगे बढ़ाने से पहले सावधान रहें
आयोग ने तीसरा एम यानी गलत सूचना तथा फर्जी खबरों का जिक्र करते हुए कहा कि चुनाव में फर्जी खबरों और विज्ञापन से भी सख्ती से भी निपटा जाएगा। आयोग ने कहा है कि हम फर्जी खबरों को खारिज करने में सक्रिय हैं। फर्जी खबरों के प्रवर्तकों से मौजूदा कानूनों के अनुसार गंभीरता से निपटा जाना चाहिए। सीईसी ने आम लोगों से भी अपील की है कि यदि उनके पास कोई चीजें आती हैं तो उसें आगे बढ़ाने से पहले सत्यापित करें। उन्होंने कहा कि फर्जी खबरों से निपटने का यही मंत्र है। उन्होंने लोगों को सोशल मीडिया पर प्रसारित फर्जी खबरों को चिंताजनक बताते हुए कहा कि हमें सटीक जानकारी सुनिश्चित करने के लिए आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करने चाहिए और सतर्क रहने चाहिए।

नेताजी को बयान और भाषण में संयम बरतना होगा
आयोग ने चौथे एम यानी आदर्श आचार संहिता का जिक्र करते हुए कहा कि ‘सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों को हिदायत दी गई है कि वे अपने बयान और भाषण में संयम बरते। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि अब तक सिर्फ हिदायत दी जाती थी, लेकिन इस बार आचार संहिता का उल्लंघन होने पर कानून के तहत समुचित कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं, आयोग ने कहा कि इस बार शिकायत मिलने पर संबंधित नेता, उम्मीदवार के पिछले इतिहास पर भी विचार किया जाएगा। सीईसी ने कहा कि मैं राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं कि वे व्यक्तिगत हमलों और अभद्र भाषा से बचें। भाषणों में वर्जित क्षेत्रों को सभ्यता बनाए रखने के लिए परिभाषित किया गया है।

बेहिसाब चंदे की जांच के लिए एक मजबूत तंत्र की जरूरत : सीईसी
सीईसी राजीव कुमार ने शनिवार को 18वीं लोकसभा चुनाव की घोषणा करते हुए राजनीतिक दलों को ‘बेहिसाब’ चंदे की जांच के लिए एक मजबूत तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि दानदाताओं की गोपनीयता सुरक्षित होनी चाहिए और उन्हें परेशान नहीं किया जाए।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त की यह टिप्पणी इस मामले में बेहद महत्वपूर्ण है, जब सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ द्वारा राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए शुरू किए गए चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया। इसके जरिए दान देने वालों का विवरण सार्वजनिक करने का आदेश दिया था। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को दान देने वालों की जानकारी सार्वजनिक कर दिया है।

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