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मध्यप्रदेश के इस गांव में नहीं होता है चुनाव, निर्विरोध चुना जाता है सरपंच


बुरहानपुर: मध्यप्रदेश में इन दिनों पंचायत चुनाव की धूम है. पंचायत चुनावों के प्रत्याशी लगातार तैयारियों में जुटे हैं. ऐसे में बुरहानपुर जिले में एक ऐसी पंचायत है जहां इस चुनावी मौसम में सन्नाटा पसरा है. इसकी खास वजह यह है कि यहां मतदान से पहले ही सरपंच और पंचों के चुनाव हो चुके हैं. इतना ही नहीं इस पंचायत की खास बात यह है कि यहां कभी चुनाव हुए ही नहीं. देश में जब से पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई है यहां तभी से निर्विरोध चुनाव होते आए हैं. इस बार भी यहां 1 सरपंच और कुल 12 पंचों का चुनाव हर बार की तरह संपन्न हो गया है. यहां बिना मतदान के ही ग्रामीणों ने अपना मुखिया चुन लिया है. साथ ही खास बात यह है कि इस बार यहां सभी पदों पर महिलाओं को प्रतिनिधित्व दिया गया है.

1 सरपंच और 12 पंचों का दायित्व महिलाओं को दिया गया है. बुरहानपुर जिला मुख्यालय से 51 किलोमीटर दूर बसा यह आदिवासी गांव अब अपने निर्विरोध चुनाव को लेकर चर्चा में है. महाराष्ट्र सीमा के पास बुरहानपुर जिले के खकनार ब्लॉक में पड़ने वाली ग्राम पंचायत मांजरोद कलां में महिलाओं को भी बराबर की भागेदारी दी जाती है. इस गांव की सरकार बनाने की जिम्मेदारी महिलाओं को भी दी जाती है. यहां पंच से लेकर सरपंच तक सभी पदों पर महिलाओं को निर्विरोध निर्वाचित किया गया है.


बुजुर्गों ने शुरू की परंपरा और अब हो रहा पालन
ग्राम पंचायत मांजरोद कलां के निवासी बताते हैं कि हमारे बुजुर्गों ने पंचायत चुनावों में निर्विरोध चुनने की परंपरा शुरू की थी. अब ग्रामीणों के द्वारा लगातार इसे आगे बढ़ाया जा रहा है. इस बार के पंचायत चुनाव में भी ग्रामीणों ने एक कदम आगे बढते हुए 12 पंच और एक सरपंच पद पर महिलाओं को निर्विरोध निर्वाचित करने का फैसला किया है. निवृतमान सरपंच अशोक जावरकर बताते हैं कि वे भी कभी निर्विरोध चुने गए थे.

अशोक कहते हैं कि निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद जिम्मेदारी दोगुनी हो जाती है. साथ ही विकास के काम में कोई व्यवधान आने की संभावना खत्म हो जाती है. अशोक बताते हैं कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान गांव में घर-घर शौचालाय, पीने के पानी का नल, पक्की सडकों के साथ सभी मूलभूत सुविधाओं का इंतजाम किया है. इतना ही नहीं अशोक बताते हैं कि आस-पास के सरपंच भी उनके गांव के विकास के कामों को देखने आते हैं. उन्हें खुशी है कि गांव में निर्विरोध चुने जाने की परंपरा कायम है.

ग्राम पंचायत के विकास को मिलेंगे 15 लाख रुपये
निर्विरोध पंचायत चुनाव कराए जाने पर अब मांजरोद कलां गांव को 15लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी. गौरतलब है सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसकी घोषणा की थी. सीएम शिवराज सिंह ने कहा था कि जिस पंचायत में सभी पदों यानी पंच और सरपंच के चुनाव में निर्विरोध महिलाओं को चुना जाएगा उस पंचायत को 15 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. अब मांजरोद कलां को यह राशि मिलेगी जिसका प्रयोग गांव के विकास कार्यों में हो सकेगा. साथ ही इस गांव की निर्विरोध चुने जाने की परंपरा भी कायम रहेगी. इस गांव के युवाओं में भी इस परंपरा को लेकर काफी उत्साह देखने को मिलता है.

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