- तीन श्रेणियों में बांटकर किया गया गठन, 75 से ज्यादा महिला अपराध वाले थानों में सात का स्टाफ
भोपाल। मुश्किल घड़ी में पुलिस से महिलाओं के संपर्क और संवाद को सहज बनाने के लिए सरकार प्रदेश के 700 थानों में उर्जा महिला हेल्प डेस्क स्थापित की हैं। बुधवार को पीएचक्यू से डीजीपी विवेक जौहरी, जबलपुर से हाईकोर्ट के प्रशासनिक जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव समेत अन्य अधिकारी इस ऑनलाइन उद्घाटन में शामिल हुए। उर्जा महिला डेस्क के लिए केंद्र सरकार ने एक लाख प्रति डेस्क के हिसाब से सात करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। प्रदेश में पहले से 141 थानों में उर्जा महिला हेल्प डेस्क स्थापित की गई हैं उनको भी इसमें शामिल किया जा रहा है। महिला अपराधों के हिसाब से इन महिला डेस्कों को ए,बी,सी तीन श्रेणियों में बांटा गया है। महिला डेस्क के प्रभारी टीआई और संचालक महिला अधिकारी रहेंगी। जिन थानों में महिला अधिकारी नहीं हैं वहां पर महिला अधिकारी की पोस्टिंग की जा रही है।
इस श्रेणी में तैनात होगा इतना बल
एक साल में 75 से ज्यादा महिला अपराध वाले थानों की महिला डेस्क को ए श्रेणी में रखा गया है। यहां पर सात पुलिसकर्मियों का स्टाफ तैनात रहेगा। एक महिला एसआई, दो हेड कांस्टेबल और चार कांस्टेबल रहेंगे। एक साल में 40-75 महिला अपराधों वाले थानों को बी श्रेणी में रखा गया है। यहां एक महिला एसआई या एएसआई और हेड कांस्टेबल या कांस्टेबल के चार पद रहेंगे। इस तरह कुल पांच पुलिसकर्मियों का स्टाफ यहां तैनात किया जा रहा है। एक साल में जिन थानों में 40 से कम महिला अपराध होते हैं वो महिला डेस्क सी श्रेणी में रहेंगी। यहां पर एक महिला एसआई या प्रधान आरक्षक और तीन पद आरक्षकों के रखे गए हैं।
महिला हेल्प डेस्क की मुख्य बातें
- इसको अर्जेंट रिलीफ फॉर जस्ट एक्शन यानी उर्जा महिल डेस्क के नाम से जाना जाएगा।
- महिला अपराधों के आधार पर महिला डेस्क को तीन श्रेणी एबीसी में बांटा जाएगा।
- ए श्रेणी साल में 75 से ज्यादा महिला संबंधी अपराध, बी श्रेणी में 40 से ज्यादा अपराध और सी श्रेणी में 40 से कम महिला संबंधी अपराधों की रिपोर्ट के आधार पर बांटा जाएगा।
- थाना प्रभारी महिला हेल्प डेस्क के प्रभारी रहेंगे। महिला डेस्क में पदस्थ महिला अधिकारी डेस्क की संचालक रहेंगी।
- महिला हेल्प डेस्क के लिए अलग से कक्ष की व्यवस्था की जाएगी।