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मप्र में किसानों को खाद के लिए न लगानी पड़े लाइन : सीएम शिवराज

– मुख्यमंत्री ने उर्वरक वितरण समस्या वाले 4 कलेक्टर्स से की चर्चा

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि किसानों (farmers) को सहज ढंग से बिना परेशानी के खाद (Fertilizer easily without any hassle) मिले, उन्हें लाइन न लगानी पड़े, यह सुनिश्चित करें। उर्वरक की उपलब्धता है, वितरण व्यवस्था की जहाँ कमी है, उसे दूर किया जाए। सभी कलेक्टर्स व्यवस्था करें कि किसानों को उर्वरक लेने के लिये लाइन न लगाना (don’t have to line up) पड़े। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खाद की कमी नहीं है। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख एल मंडाविया से पूर्ण सहयोग मिला है।

मुख्यमंत्री चौहान ने शुक्रवार देर शाम अपने निवास से वीसी द्वारा उर्वरक वितरण समस्या वाले कुछ जिलों के कलेक्टर्स से चर्चा कर रहे थे। इस मौके पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री की इन जिलों से हुई चर्चा
मुख्यमंत्री चौहान ने सतना, राजगढ़, सागर, और नीमच जिलों के कलेक्टर्स से खाद की उपलब्धता, वितरण केंद्र संख्या और वितरण व्यवस्था के संबंध में बातचीत कर निर्देश दिए। कटनी कलेक्टर ने बताया कि बैंकर्स सहयोग कर रहे। शाम 4 की जगह शाम 5:30 बजे तक वितरण का प्रबंध किया गया है। किसानों से प्राप्त राशि के संबंध में बैंक देर शाम तक वित्तीय व्यवहार कर रहे। मुख्यमंत्री ने यह व्यवस्था अन्य जिलों में भी करने के निर्देश दिए।

अपर मुख्य सचिव सहकारिता के.सी. गुप्ता दमोह से वीसी में शामिल हुए। उन्होंने सागर, छतरपुर और दमोह जिलों में उर्वरक वितरण की व्यवस्थाएँ दौरा कर देखी हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देश
-कहीं भी ब्लैक न हो खाद।
-किसान को कहीं जबरन खाद न दें।
-कलेक्टर्स भ्रमण करते रहें।
-किसी भी जिले में किसानों को लाइन न लगानी पड़े।
-जिलों में खाद वितरण सुचारू रहे, जहाँ आवश्यक हो विकेंद्रीकरण किया जाए।
-किसानों को अधिक दूरी से खाद लेने न आना पड़े।

प्रदेश में उर्वरक की व्यवस्था
केन्द्र सरकार द्वारा माह नवम्बर 2022 के लिए यूरिया का आवंटन 7 लाख मीट्रिक टन (285 लाख मेटन स्वदेशी एवं 4.15 लाख मीट्रिक टन आयातित) एवं डीएपी का आवंटन 1.94 लाख मीट्रिक टन (0.20 लाख मीट्रिक टन स्वदेशी एवं 1.74 लाख मेट आयातित) दिया गया है। माह नवम्बर, 2022 के लिए 4.15 लाख मीट्रिक टन आयातित यूरिया का आवंटन दिया गया है।

11 नवम्बर की स्थिति में यूरिया 1.89 लाख मीट्रिक टन ट्रांजिट सहित, डीएपी 1.33 लाख मीट्रिक टन ट्रांजिट सहित एवं एनपीके ट्रांजिट सहित 52 हजार मीट्रिक टन प्राप्त है। यूरिया का स्टॉक 2.25 लाख मीट्रिक टन है। डीएपी का स्टॉक 1.45 लाख मीट्रिक टन एवं एनपीके का स्टॉक 1.11 लाख मीट्रिक टन है।

विगत वर्ष 1 अप्रैल, 2021 से 30 नवम्बर, 2021 तक विक्रय मात्रा के अनुसार 11 नवम्बर, 2022 तक यूरिया 13 जिलों (नर्मदापुरम कटनी, छतरपुर, रायसेन, सतना, जबलपुर, इंदोर, बेतूल, श्योपुर, रतलाम, नीमच, झाबुआ, अलिराजपुर) में, डीएपी 6 जिलों (बालाघाट, हरदा, टीकमगढ़, दमोह, निवाडी, अनुपपुर) में, एनपीके 17 जिलों (विदिशा, उज्जैन, नर्मदापुरम, सीहोर, सागर, भोपाल, खरगोन, नीमच, सिवनी, खण्डवा, शाजापुर, ग्वालियर दतिया देवास, आगरमालवा, बैतूल, इंदोर) में, डीएपी, एनपीके 04 जिलों (नर्मदापुरम, हरदा, शाजापुर, निवाडी) में भण्डारण कम है, जिनकी शीघ्र पूर्ति की जा रही है।

विपणन संघ द्वारा माह नवम्बर के लिए 175 यूरिया की रेक एवं 78 रेक डीएपी की मांग की गई है, जिसके विरूद्ध 1 नवम्बर से 11 नवम्बर तक 57 यूरिया की रेक एवं 36 डीएपी की रेक एवं एनपीके की 15 रेक ट्रांजिट सहित प्राप्त है।

विपणन संघ के 240 डबललॉक केन्द्रों से नगद वितरण प्रारंभ है, भीड़ वाले डबललॉक केन्द्रों पर 150 अतिरिक्त केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं, जिसमें से 144 केन्द्रों द्वारा विक्रय किया जा रहा है।

जिलों को डबललॉक केन्द्रों पर निजी उर्वरक विक्रेताओं के काउंटर स्थापित करने के निर्देश 3 नवम्बर, 2022 को जारी किये गये। 4 नवम्बर को 23 काउंटर प्रारंभ किये गये थे, जो बढ़ कर 10 नवम्बर को 406 काउंटर हो गये हैं।

मप्र में खाद की कमी नहीं, अराजकता फैलाने वालों को नहीं करेंगे बर्दाश्त

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पूरे प्रदेश में कहीं भी खाद की कमी नहीं है और खाद के नाम पर अराजकता फैलाने वाले लोगों को चाहे वे कोई भी हो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। मुख्यमंत्री रायसेन जिले के सुल्तानपुर में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. सुंदरलाल पटवा की जयंती कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर स्व. पटवा की प्रतिमा का अनावरण भी किया।

समारोह में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, औद्योगिक निवेश एवं प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, सांसद विष्णुदत्त शर्मा, रमाकांत भार्गव और सुधीर गुप्ता, उत्तर प्रदेश के उद्योग मंत्री सहित भोजपुर विधायक सुरेन्द्र पटवा और सिलवानी विधायक रामपाल सिंह भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने स्व. पटवा के व्यक्तित्व और कृतित्व को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य सरकार समाज के सबसे गरीब व्यक्तियों के कल्याण में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि गरीबों को हर हितग्राही मूलक योजना का लाभ ढूंढ-ढूंढ कर सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान की मंच पर ही समीक्षा करते हुए कलेक्टर को निर्देश दिए कि कोई भी गरीब बिना राशन के न रहे, सभी को उज्ज्वला योजना का लाभ मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी माताओं-बहनों को आत्म-निर्भर बनाने के लिए स्व-सहायता समूहों से जोड़ा जा रहा है। महिलाओं की आमदनी 10 हजार रुपये माह करने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को पानी के लिए होने वाली परेशानी को दूर करने के लिए जल जीवन मिशन से हर घर में नल से जल प्रदाय करने का काम किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि समूह पेयजल योजना के लिए परीक्षण कर घरों में आसपास से नल द्वारा जल पहुँचाने का काम किया जाए। किसानों की आमदनी में वृद्धि के लिए सिंचाई के रकबे में लगातार वृद्धि की जा रही है। नवीन जल संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। बारिश के पानी को संग्रहीत किया जा रहा है। समर्थन मूल्य पर गेहूँ, मूंग, धान सहित अन्य उपजों की खरीदी की जा रही है।

चौहान ने कहा कि बाड़ी, सुल्तानपुर, मण्डीदीप, औबेदुल्लागंज में विधायक सुरेन्द्र पटवा द्वारा अनेक विकास के कार्य किए जा रहे हैं। इस क्षेत्र में उद्योगों का विकास करना है। जनता की बेहतर सेवा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान में लोगों की समस्याओं का निराकरण कर हितग्राहियों को शासन की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राशन, उज्ज्वला रसोई गैस कनेक्शन, लाड़ली लक्ष्मी योजना, बेटियों की शिक्षा, कन्या विवाह योजना, सहित अनेक योजनाएँ चलाई जा रही हैं। दिव्यांगों को सरकार की योजनाओं का मिलेगा, कोई भी दिव्यांग बिना लाभ के नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भू-आवासीय अधिकार योजना से ग्रामीणों को आवासीय भूमि का अधिकार सौंपा जा रहा है। इसके अलावा मेधावी विद्यार्थी योजना के माध्यम से आगे बढ़ने के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में कराई जा रही है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिन्दी माध्यम से कराई जाएगी। (एजेंसी, हि.स.)

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