पटना । बिहार में बाढ़ का कहर जारी है, जिसके चलते यहां राज्य के 14 जिलों में करीब 50 लाख लोग इससे सीधे प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के कारण लाखों लोग बेघर होकर सड़क किनारे अपना गुजारा करने को मजबूर हो उठे हैं। सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि राज्य के 14 जिलों के 112 प्रखंडों के बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाए जा रहे हैं, जबकि दूसरी ओर लोग परेशान होकर इधर-उधर भागते नजर आ रहे हैं।
वहीं, सरकार का कहना है कि बाढ़ प्रभावित लोगों को सरकार की ओर से आर्थिक मदद की जा रही है. अब तक बाढ़ से प्रभावित एक लाख 94 हजार परिवारों के खाते में 6-6 हजार की सहायता राशि भेज दी गई है. बाकी प्रभावित लोगों के बीच पैसा भेजने का काम जारी है. बाढ़ प्रभावित लोगों के कई जगहों पर 1340 सामुदायिक किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन करीब 9 लाख लोग भोजन कर रहे हैं. यह सरकार का दावा है.
यहां देखने में आ रहा है कि बाढ़ प्रभावित जिलों में सड़क मार्ग पर परिचालन काफी प्रभावित हुआ है. कई जिलों में तो ठप हो गया है. कई एनएच और एसएच के उपर से पानी बह रहा हैं.छपरा-मुजफ्फरपर एनएच 722 पर आवागमन को बंद हो गया है. मोतिहारी में एसएच 74 पर भी पानी के कारण गाड़ियों के परिचालन बंद है. बच्चा प्रसाद सिंह कॉलेज के पास सड़क पर चार फीट पानी बह रहा है. बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सबसे अधिक परेशानी छोटे बच्चों को लेकर हो रही है।
इसके अलावे मवेशियों को चारा जुटाने में काफी संघर्ष करना पड़ रहा हैं. फिलहाल नेपाल के तराई इलाके में बारिश बंद हो गई है. जिससे इन इलाकों में कुछ दिनों के बाद राहत मिल सकती है और यहां से जल्द ही पानी का स्तर घटने की अब उम्मीद बढ़ी है।
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