उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद में जंगल धधक रहे हैं. यहां यमुना और गंगा घाटी के जंगलों में इस समय भीषण आग लगी हुई है. बीती रात यहां के बड़े क्षेत्र में जंगल जलते रहे. जंगल की आग की भीषणता को इसी से समझा जा सकता है कि सुबह चारों तरफ धुएं का गुबार नजर आया. जंगल की आग वन संपदा के साथ ही वन्यजीवों के लिए भी खतरा बना हुआ है.
उत्तरकाशी जनपद के यमुना घाटी और गंगा घाटी के जंगलों में सर्दी के मौसम में भी आग लगी हुई है. अक्सर गर्मियों को मौसम में जंगलों में आगजनी की घटनाएं देखी जाती हैं, लेकिन इस बार सर्दी के मौसम में भी यहां भीषण आग लगी हुई है. उत्तरकाशी के मुखेम रेंज, डुंडा रेंज और यमुना घाटी के अपर यमुना वन प्रभाग के जंगल धू-धू कर जल रहे हैं. जिससे लाखों की वन संपदा नष्ट हो रही है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि जंगलों में आग लगने का मुख्य कारण ग्रामीण ही हैं. दरअसल, लोग घास उगाने के लिए जंगलों में आग लगाते हैं, इस वजह से भी कई बार आग फैल जाती है. जो काबू नहीं हो पाती. इससे वन्य प्राणियों के साथ की आस-पास रह रहे लोगों के लिए भी मुसीबत खड़ी हो जाती है.
उत्तरकाशी में जंगल में आग लगने की घटनाएं अधिकतर गर्मियों के मौसम में होती हैं. यहां बीते मार्च में भी यमुना घाटी और टौंस घाटी के जंगलों में भीषण आग लग गई थी, जिस पर अप्रैल तक काबू नहीं पाया गया था. ऐसे में भारी मात्रा में वन संपदा नष्ट हुई. इसके अलावा आग लगने के कारण फैले धुंए का भी लोगों को स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है.
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