
पणजी। गोवा (Goa) के पूर्व बीजेपी विधायक पांदुरंग मदकाईकर (Former BJP MLA Pandurang Madkaikar) ने बुधवार को अपनी ही पार्टी के सरकार पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि उन्हें एक मंत्री के कहने पर एक फाइल को प्रोसेस करने के लिए 15-20 लाख रुपये की घूस देनी पड़ी। मदकाईकर ने इस मंत्री का नाम नहीं लिया। मदकाईकर 2017-2019 तक मनोहर पर्रिकर के कैबिनेट (Manohar Parrikar’s cabinet) में बिजली मंत्री थे। वह कांग्रेस सरकार के दौरान परिवहन मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने कहा, “कुछ भी नहीं हो रहा है। सभी मंत्री सिर्फ पैसे गिनने में व्यस्त हैं। गोवा में कुछ नहीं हो रहा है।”
उन्होंने कहा, “पिछले सप्ताह मैंने एक मंत्री को एक छोटे काम के लिए लगभग 15-20 लाख रुपये दिए। मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता। उन्होंने मेरी एक फाइल ली जो मैंने विभाग से प्रोसेस की थी। वह फाइल लेकर घर चले गए और संदेश दिया कि अगर कोई उस फाइल को लेने आए तो उसे उनसे मिलकर आना होगा।”
मदकाईकर ने आगे कहा, “मैंने अपने मैनेजर को मंत्री से मिलने भेजा। उन्होंने मुझे उनके पीए से मिलने के लिए कहा। उनके पीए ने सीधे 15-20 लाख रुपये की मांग की। यह पैसा पिछले सप्ताह दिया गया था। यह एक नियमित काम था। मैं भी मंत्री रह चुका हूं। मुझे विभाग में अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं का पता है। जब मैं पार्टी छोड़ूंगा तो मैं उनका नाम लूंगा।”
उन्होंने गोवा में भ्रष्टाचार को लूट करार दिया और कहा, “गोवा में लूट हो रही है। हर मंत्री पैसे जुटाने में व्यस्त है। कोई भी तरीका अपनाया जा रहा है। लोग इन मंत्रियों को घर भेजने का इंतजार कर रहे हैं। अगले चुनाव में कम से कम 50% विधायक नए होंगे।”
मदकाईकर अभी भी बीजेपी के सदस्य हैं। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव बीएल संतोष से मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने ये आरोप लगाए हैं। उन्हें 2019 की शुरुआत में स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्हें बीजेपी मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। उनकी पत्नी को 2022 विधानसभा चुनाव में पार्टी ने टिकट दिया था, लेकिन वह कांग्रेस के उम्मीदवार राजेश फाल्देसाई से हार गईं, जो बाद में बीजेपी में शामिल हो गए।
इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए वर्तमान परिवहन मंत्री माविन गोडिन्हो ने कहा कि आरोप लगाने के बजाय मदकाईकर को अपने गिरेवान में झांकना चाहिए। गोडिन्हो ने कहा, “हर कोई उन्हें अच्छी तरह जानता है और वह इस मंत्रालय को भी अच्छी तरह जानते हैं। उन्हें पहले अपने समय को देखना चाहिए, फिर दूसरों के बारे में टिप्पणी करनी चाहिए। मेरी साधारण सलाह है कि वह कांच के घरों पर पत्थर न फेंकें।” विपक्ष ने मदकाईकर के बयान को तुरंत उठाया और इसे गंभीर आरोप बताया।
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