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विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह का हुआ भव्य शुभारंभ

– ग्वालियर दुर्ग के ऐतिहासिक मानसिंह महल की थीम पर बने भव्य मंच पर सजी संगीत सभा

ग्वालियर (Gwalior)। संगीतधानी ग्वालियर (Sangeetdhani Gwalior) में रविवार की सांध्यबेला में विश्व संगीत समागम “तानसेन समारोह” (World Music Conference “Tansen Samaroh”) की मुख्य सभाओं का भव्य शुभारंभ (Grand opening of the meetings.) हुआ। जिला पंचायत की अध्यक्ष दुर्गेश कुंअर सिंह जाटव, राज्य शासन के संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला, संस्कृति संचालक अदिति कुमार त्रिपाठी, उस्ताद अलाउद्दीन खां कला एवं संगीत अकादमी के निदेशक जयंत माधव भिसे एवं राजा मान सिंह तोमर संगीत एवं कला विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. साहित्य कुमार नाहर सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर इस साल के तानसेन समारोह का शुभारंभ किया।


यहां हजीरा स्थित सुर सम्राट तानसेन की समाधि (Mausoleum of Sur Samrat Tansen.) के समीप ग्वालियर दुर्ग के ऐतिहासिक मानसिंह महल की थीम पर बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर शास्त्रीय संगीत के देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव तानसेन समारोह की पहली संगीत सभा सजी। समारोह की पहली संगीत सभा की शुरुआत पारंपरिक रूप से स्थानीय माधव संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के आचार्यों एवं विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत प्रशस्ति एवं ध्रुपद गायन के साथ हुई। डॉ. वीणा जोशी के निर्देशन में रागमाला (राग धनाश्री, गौरी, यमन व खमाज) में प्रस्तुत प्रशस्ति के बोल थे “ध्रुव कंठ स्वरोदगार”। इसके बाद राग “शंकरा” में एक ध्रुपद बंदिश पेश की, जिसके बोल थे– “शिव शंकर महेश्वर आदिदेव महादेव” । तबले पर डॉ. विनय बिन्दे व डॉ. प्रणव पराड़कर और वायोलिन पर अंकुर धारकर व अनिकेत तारलेकर ने संगत की।

सोमवार की सांध्य बेला में होगा अलंकरण समारोह का आयोजन
तानसेन समारोह के तहत अलंकरण समारोह सोमवार, 25 दिसम्बर को सायंकाल आयोजित होगा। शास्त्रीय संगीत के देश के मूर्धन्य गायक पं. गणपति भट्ट हासणगि धारवाड़ को वर्ष 2022 के तानसेन सम्मान से अलंकृत किया जाएगा। साथ ही वर्ष 2022 का राजा मानसिंह तोमर सम्मान उज्जैन के मालव लोक कला केन्द्र को प्रदान किया जाएगा।

सोमवार को इनकी प्रस्तुतियां होंगी
प्रात:कालीन सभाः इस सभा का शुभारंभ राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। सभा में सुमित आनंद दिल्ली का ध्रुपद गायन, ईशान घोष मुम्बई का तबला वादन, मधुमिता भट्टाचार्य उपाध्याय वाराणसी का गायन और उस्ताद लतीफ खां मुम्बई एवं उस्ताद सरवर हुसैन कोलकता की सारंगी जुगलबंदी की प्रस्तुति होगी।

सायंकालीन सभाः इस सभा का आरंभ तानसेन संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। इस सभा में विनय रामदासन पुणे का गायन, सुविख्यात शास्त्रीय गायक आनंद कुमार मलिक दिल्ली का गायन, अखिलेश गुंदेचा एवं साथियों द्वारा पखावज वृंद वादन, भाग्येश मराठे पुणे का गायन और मूर्धन्य गायक पद्मश्री पं. उल्हास कसालकर पुणे का गायन होगा।

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