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देश का आधा हिस्‍सा पानी-पानी और 221 जिले सूखे की कगार पर

नई दिल्ली (New Delhi)। देश के अधिकांश जिलों में इस समय बारिश का कहर बरपा रहा है। राजधानी दिल्‍ली पानी-पानी (The capital Delhi is under water) हो रही है। बारिश ने देश के कई हिस्सों में ऐसी तबाही (Rain wreaked havoc in many parts of the country) मचाई कि लोगों को कई सालों की याद आ गई। वहीं देश के 221 जिले सूखे की ओर अग्रसर हैं। इन जिलों में एक जून से लेकर 20 जुलाई के बीच सामान्य से 20-70 फीसदी तक कम बारिश दर्ज की गई है। इनमें से ज्यादातर जिले पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड तथा दक्षिणी राज्यों के हैं।

मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार अभी तक देश के 32 फीसदी भू भाग यानी 231 जिलों में सामान्य बारिश दर्ज की गई है। जबकि 135 जिलों (19 फीसदी हिस्से) में सामान्य से 20 फीसदी तक अधिक बारिश दर्ज की गई है, लेकिन 14 फीसदी यानी 102 जिले ऐसे हैं जहां बारिश 20 फीसदी से भी ज्यादा हुई है। दूसरी तरफ बारिश के असमान वितरण का आलम यह है कि 221 जिलों में सूखे के हालात उत्पन्न हो रहे हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, एक जून से 20 जुलाई के बीच उत्तर प्रदेश के 31, बिहार के 26 तथा झारखंड के 17 तथा उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा के दो-दो जिलों में बारिश कम हुई है।

उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में कम बारिश हुई
उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में पड़ने वाले जिलों अमेठी, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बस्ती, भदोही, चित्रकूट, फतेहपुर से लेकर सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ और मिर्जापुर तक के जिलों में बारिश कम हुई। जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में अच्छी बारिश हुई है। कौशाम्बी में 65, महाराजगंज में 63, कुशीनगर में 64, देवरिया में 60 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। बता दें कि यह एक धान उत्पादक क्षेत्र है जिसका असर उत्पादन पर पड़ना तय है।



बिहार और झारखंड के अधिकांश जिले सूखे की चपेट में
इसी प्रकार बिहार के अररिया, भागलपुर, बक्सर तथा खगडिया को छोड़कर सभी जिले सूखे की चपेट में हैं। झारखंड की बात करें तो गोड्डा, साहेबगंज तथा सिमडेगा को छोड़कर बाकी सभी जिले सूखे की चपेट में हैं। उत्तराखंड के नैनीताल जिले में सामान्य से 32 तथा पिथौरागढ़ में 26 फीसदी कम बारिश हुई है। जबकि कई जिलों में बारिश से तबाही मची है। इसी प्रकार हरियाणा के दो जिलों हिसार एवं जींद में बारिश कम हुई। दिल्ली के उत्तर-पश्चिमी जिले में सामान्य से 46 फीसदी और पश्चमी जिले में 8 फीसदी कम बारिश रिकार्ड की गई है।

मॉनसून पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का असर
मॉनसून पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का नतीजा भी साफ दिख रहा है। जिन क्षेत्रों में बारिश कम होती थी वहां सबसे ज्यादा बारिश हुई है। पश्चिमी राजस्थान के दस जिलों में 43-274 फीसदी तक ज्यादा बारिश हुई है। जबकि पूर्वी राजस्थान के 23 जिलों में 6-245 फीसदी तक ज्यादा बारिश हुई है। कम बारिश वाले अन्य जिलों में केरल में 12, कर्नाटक में 10, तमिलनाडु में 7, आंध्र प्रदेश में 14, छत्तीसगढ़ में 9, महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश में 9-9, ओडिशा में तथा पश्चिम बंगाल में 13-13 जिले शामिल हैं।

देश के 4 फीसदी जिले यानी 26 जिलों में बारिश की कमी 60 फीसदी से भी ज्यादा दर्ज की गई है। इनमें बिहार के नौ, यूपी के 6 तथा झारखंड के चार जिले शामिल हैं। यदि देश में अब तक हुई कुल बारिश की बात करें तो 389.2 मिमी बारिश हुई है जो सामान्य से पांच फीसदी ज्यादा है। सामान्य बारिश का रिकार्ड 370.9 मिमी का है।

दिल्ली में यमुना नदी फिर रौद्र रूप में, खतरे के निशान से ऊपर
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज शाम 04 बजे यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। इस वक्त यमुना 206.31 मीटर पर बह रही है। इसमें रात तक और वृद्धि हो सकती है। दिल्ली प्रशासन यमुना खादर और निचले इलाकों को फौरन खाली करने की मुनादी करवा रहा है।

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