भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सुनी सुनाई: मंगलवार 02 नवंबर 2021

महामूर्ख कलेक्टर
मप्र में यह प्रशासनिक अराजकता का सबसे बड़ा उदाहरण है कि पटवारी महासंघ के पदाधिकारी सोशल मीडिया पर मुरैना कलेक्टर को महामूर्ख कलेक्टर बता रहे हैं। दरअसल मुरैना कलेक्टर ने पटवारियों को राजस्व पखवाड़ा और स्वामित्व योजना सहित लघु सिंचाई और जियो टैग जैसे कामों की जिम्मेदारी सौंपी थी। फेसबुक पर मप्र के पटवारियों का ग्रुप ‘आम पटवारीÓ के नाम से सक्रिय है। इस ग्रुप में पटवारी राकेश पवार ने लिखा कि इस महामूर्ख कलेक्टर को बोलो कि राजस्व पखवाड़ा और स्वामित्व योजना, लघु सिंचाई और जियो टैग वाली गिरदावरी में अन्य विभागों के कर्मचारियों को पटवारियों के सहयोग के लिए लगाया जाए वर्ना हम उक्त कार्य या दूसरे विभाग के कार्य का बहिष्कार करते हैं। कलेक्टर को महामूर्ख बताने पर पटवारी राकेश पवार का कहना है कि विसंगति पूर्ण आदेश निकालेंगे तो हम भी कलेक्टर के लिए ऐसे शब्दों का उपयोग करेंगे।

धनपति भोपाल में, दानवीर इंदौर में
पिछले कुछ दिनों में आए सर्वे में मप्र के सबसे धनपति व्यक्ति और सबसे बड़े दानवीर व्यक्ति की जानकारी जनता के सामने आई। मजेदार बात यह है कि प्रदेश के सबसे बड़े धनी व्यक्ति भोपाल में और सबसे बड़े दानवीर इंदौर में मिले हैं। देश में एक हजार करोड़ से ज्यादा कि संपत्ति वाले व्यक्तियों में भोपाल के दिलीप सूर्यवंशी 4100 करोड़ की संपत्ति के साथ मप्र में बड़े धनपति की सूची में सबसे ऊपर हैं। दूसरी ओर इंदौर के कोयला व्यापारी विनोद अग्रवाल साल में पांच करोड़ से अधिक दान देने वालों में प्रदेश के सबसे बड़े दानवीर हैं। अग्रवाल की संपत्ति बेशक सूर्यवंशी से बेहद कम 2900 करोड़ रुपए है, लेकिन पिछले तीन साल में उन्होंने 35 करोड़ रुपए का दान दिया है। देश के धनपतियों में अग्रवाल बेशक 494 वें नंबर पर हैं। लेकिन दान के मामले में वे देश के 66वें सबसे बड़े दानवीर के रूप में दर्ज हुए हैं।

आईपीएस पहना गए टोपी
खबर आ रही है कि मप्र के एक आईपीएस अधिकारी व्यक्तिगत लालच में अपने विभाग को टोपी पहना गए हैं। हम यहां असली टोपी की बात कर रहे हैं। मप्र लोकायुक्त में शिकायत पहुंची है कि मप्र होमगार्ड के तत्कालीन महानिदेशक महान भारत ने अचानक होमगार्ड कर्मचारियों की टोपी का रंग बदलने का निर्णय ले लिया। जिस समय यह निर्णय लिया गया होमगार्ड के स्टोर में 15 हजार टोपियों का स्टॉक था। शिकायत के अनुसार टोपी का रंग बदलने के पीछे होमगार्ड में नई टोपी की सप्लाई और कमीशन का खेल बताया जा रहा है। लोकायुक्त संगठन ने इसे प्रारंभिक रूप से गंभीर भ्रष्टाचार मानते हुए इस सप्ताह प्रदेश पुलिस के मौजूदा डीजीपी विवेक जौहरी, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा और होमगार्ड के मौजूदा महानिदेशक पवन जैन को बयान के लिए तलब किया। अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस मामले में आईपीएस महान भारत की परेशानी बढ़ सकती है।

पत्रकार का ट्वीटर सस्पेंड
मप्र में सक्रिय नेशनल चैनल एनडीटीवी के संवाददाता अनुराग द्वारी का ट्वीटर एकाउंट सस्पेंड कर दिया गया है। एडीटीवी का आरोप है कि पत्रकार ने मप्र में खाद संकट से जूझ रहे किसान की मौत की खबर ट्वीटर पर पोस्ट की इस कारण उनका ट्वीटर अकाउंट सस्पेंड कर दिया गया है। भोपाल में बेशक इसकी खास चर्चा नहीं है। लेकिन दिल्ली के मीडिया में इसे लेकर जबर्दस्त हलचल है। एनडीटीवी के रविश कुमार ने अपने प्राईम टाईम में अनुराग द्वारी के ट्वीटर अकाउंट के सस्पेंड होने का प्रमुखता से जिक्र किया है। यहां बता दें कि ट्वीटर पर अनुराग के लगभग 21 हजार फालोअर थे। प्रदेश में अनुराग की छवि वैसे ही पत्रकार की है जैसी दिल्ली में रविश कुमार की है। दिल्ली के दर्जनों पत्रकार अनुराग का ट्वीटर सस्पेंड होने से ट्वीटर पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं।

लोकायुक्त के अधिकारों को चुनौती!
मप्र लोकायुक्त के अधिकारों का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट का फैसला लोकायुक्त संगठन के लिये नजीर बन सकता है। दरअसल पिछले दिनों लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता ने तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के कथित भ्रष्टाचार के प्रकरणों में विशेष पुलिस स्थापना द्वारा जिन प्रकरणों में खात्मा लगाया गया था, उन्हें कोर्ट से वापिस बुलाने और उनकी समीक्षा करने के आदेश दिये थे। सामाजिक कार्यकर्ता सतीश नायक ने लोकायुक्त के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। लोकायुक्त अधिनियम के तहत लोकायुक्त भ्रष्टाचार की जांच के मामले में सुपरविजन तो कर सकते हैं, लेकिन जांच एजेंसी के द्वारा खात्मा लगाने पर वे न्यायालय से प्रकरण वापस बुलाकर परीक्षण कर सकते हैं या नहीं? इसका निर्णय अब हाईकोर्ट करेगा। इस मामले में यदि हाईकोर्ट लोकायुक्त के आदेश को रद्द करता है तो यह लोकायुक्त संगठन को बड़ा झटका तो होगा ही। संगठन में लोकायुक्त का वजन भी कम हो जाएगा।

एडिशनल कमिश्नर की गांधीगिरी
ग्वालियर नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर मुकुल गुप्ता की पहचान राज्य प्रशासनिक सेवा के विकलांग होकर भी सबसे सक्रिय अधिकारी के रूप में है। मुकुल गुप्ता ने भोपाल एसडीएम के रूप में ऐसे अनेक बुजुर्गों को न्याय दिलाया, जिनकी संपत्ति पर उनके खुद के बच्चों ने कब्जा कर लिया था। इस सप्ताह मुकुल गुप्ता ग्वालियर में गांधीगिरी के लिए चर्चा में हैं। दरअसल राज्य सरकार ने कोरोना के बाद ठेले और रेहड़ी वालों को रोजगार शुरू करने के लिए 10 हजार रुपए का बैंक ॠण देने की योजना बनाई है। इसकी जिम्मेदार नगरीय संस्थाओं को सौंपी है। ग्वालियर नगर निगम में ऐसे कई प्रकरण तैयार कर बैंक में भेजे थे, लेकिन बैंक वाले इन गरीबों को परेशान कर रहे थे। इसकी भनक लगते ही मुकुल गुप्ता ने फूल माला व मिठाई खरीदी और हितग्राहियों के समूह को साथ लेकर बैंक में जा धमके। उन्हें बैंक अधिकारियों को फूल मालाएं पहनाई और पूरी गांधीगिरी के साथ तब तक बैंक में जमे रहे जब तक 10 से अधिक हितग्राहियों का ऋण मंजूर नहीं हो गया।

और अंत में….
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के ओएसडी राजेन्द्र कुमार मिगलानी के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के लोगों ने ही मोर्चा खोल दिया है। टीवी चैनलों पर लंबे समय से प्रदेश कांग्रेस का पक्ष रखने वाले ब्रजभूषण नाथ ने सोशल मीडिया पर मिगलानी को निशाने पर लिया है। उन्होंने फेसबूक पर लिखा है कि मप्र में कमलनाथ राजनीति कर रहे हैं या आरके मिगलानी? क्योंकि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को कमलनाथ से पहले आरके मिगलानी के पैर पढऩे पड़ते हैं। खास बात यह है कि ब्रजभूषण नाथ की इस टिप्पणी पर कई कांग्रेसी उन्हें गरिया रहे हैं तो कई उनके पक्ष में दिखाई दे रहे हैं। इस टिप्पणी के बाद यह तय है कि कांग्रेस में मिगलानी के खिलाफ मोर्चा जरूर खुल गया है।

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