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पुराने संसद भवन से कितना अलग होगी नई संसद, जानिए क्या-क्या होगा खास?

नई दिल्ली: देश को नई संसद मिलने वाली है, पीएम नरेंद्र मोदी 28 मई को इसका उद्घाटन करेंगे, ये तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही नई संसद को लेकर लोगों का रोमांच बढ़ता जा रहा है. जेहन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर नई संसद भवन में क्या खास होगा?

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बन रहे नए संसद भवन का शिलान्यास 10 दिसंबर 2020 को पीएम मोदी ने किया था. यह सिर्फ देखने में ही सुंदर नहीं, बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी काफी मजबूत है. सांसदों के बैठने की व्यवस्था के साथ-साथ यहां के पुस्तकालय, लाउंज और चैंबरों को भी आधुनिक सुविधाओं से लैस बनाया गया है. आइए 10 पॉइंट में समझते हैं कि नई संसद में और क्या-क्या खास होने वाला है.


  1. नए संसद भवन की इमारत 4 मंजिला होगी, इस इमारत को पूरी तरह भूकंपरोधी बनाया गया है. इसका सबसे बड़ा आकर्षण भवन परिसर की हरियाली है.
  2. यहां पर 1272 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है, यानी यहां लोकसभा में 888 सीटें और राज्यसभा में 384 सीटें हैं. जबकि पुरानी संसद में लोकसभा के लिए 550 सीटें और राज्यसभा में 250 सीटें ही थीं.
  3. विस्टा प्रोजेक्ट 2019 में शुरू हुआ था. इसी के तहत नया संसद भवन बनाया जा रहा है, जो 65400 वर्ग फीट क्षेत्रफल में होगा.नए संसद भवन के निर्माण पर तकरीबन 1200 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
  4. यहां पर लोकसभा- राज्यसभा के साथ बड़ा सेंट्रल हॉल, पुस्तकालय और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस समिति कक्ष बने हैं. यहां जो मार्शल तैनात होंगे उनकी नई ड्रेस होगी.
  5. सेंट्रल विस्टा के परियोजना के तहत बने नए संसद भवन में लोकसभा की थीम राष्ट्रीय पक्षी मोर पर है और राज्यसभा की थीम राष्ट्रीय पुष्प कमल पर रखी गई है.
  6. संसद भवन के तीन द्वारों के नाम ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार रखे गए हैं, यहां एक केंद्रीय लाउंज भी बनाया गया है, जिसके खुले हिस्से में बरगद का पेड़ भी होगा.
  7. नए संसद भवन में लोकसभा, राज्यसभा और सेंट्रल हॉल में अलग-अलग आकार की खड़कियां होंगी जो देश की विविधता का प्रतीक होंगी.
  8. नया संसद भवन विश्व में सबसे खास होने जा रहा है, इसे डिजाइन करने से पहले टीम ने विश्व में सबसे खास कहे जाने वाली जर्मनी, इजिप्ट, क्यूबा और सिंगापुर की संसद का दौरा किया था.
  9. नई संसद में सभी सांसदों के लिखने के लिए डेस्क होगा, अभी तक सिर्फ अग्रिम पंक्ति में बैठे सांसदों के लिए ही यह व्यवस्था थी.
  10. नए संसद भवन में स्पीकर की सीट के पास सेंगोल (राजदंड) रखा जाएगा, पुरानी संसद में यह व्यवस्था नहीं थी. अभी तक सेंगोल इलाहाबाद संग्रहालय में था.
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