
भोपाल। प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के नतीजों में भाजपा की जबर्दस्त जीत मिली है। अब प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार एवं फेरबदल को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। तीन मंत्रियों के चुनाव हारने एवं दो मंत्रियों के इस्तीफा देने के बाद मंत्रिमंडल के लिए शपथ समारोह दीपावली के बाद कभी भी हो सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस संबंध में राज्यपाल से मुलाकात कर चुके हैं। खास बात यह है कि उपचुनाव हारने वाले तीन मंत्री इमरती देवी, गिर्राज दंडोतिया और ऐंदल सिंह कंषाना में से कंषाना ने इस्तीफा दे दिया है। जबकि इमरती और दंडोतिया भी इस्तीफा दे सकते हैं। यदि ये मंत्री फिलहाल इस्तीफा नहीं देते और भाजपा में विधायकों को मंत्री बनाने के नाम पर सहमति नहीं बनती तो फिर तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ही मंत्री पद की शपथ लेंगे।
उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने मंत्रिमंडल विस्तार एवं फेरबदल की चुनौती है। कांग्रेस से भाजपा में आए 3 ( दो सिंधिया समर्थक) मंत्रियों के चुनाव हारने के बाद अब मंत्रिमंडल में चार और मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है। एक जगह पहले से खाली थी, लेकिन इन 4 जगहों के लिए 7 से ज्यादा विधायक दावा कर रहे हैं। एक को भी मनाने के लिए शिवराज को कड़ी मेहनत करनी होगी। शिवराज ने अपनी कैबिनेट में कांग्रेस से इस्तीफा देकर आए 22 में से 14 विधायकों को शामिल किया था। इसमें क्षेत्रवार प्रतिनिधित्व जैसे समीकरण नहीं थे, लेकिन अब यह दबाव रहेगा। अब विंध्य और महाकौशल के विधायकों को मंत्री पद मिलने की उम्मीद है। सवाल यह भी है कि कैबिनेट विस्तार के बाद विधानसभा अध्यक्ष कौन बनेगा? चुनाव हारने वाले सिंधिया समर्थकों को भाजपा संगठन में जगह मिलेगी या नहीं? निगम-मंडलों में नियुक्तियां भी शिवराज के लिए चुनौती है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved