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पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने को राजी हुआ चीन, टैंक और गोला-बारूद लेकर

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद के अब सुलझने के आसार नज़र आ रहे हैं। इसकी शुरुआत दिवाली से पहले चीन के फैसले से हो गई है। दरअसल, चीन की सेना पैंगोंग में पीछे हटने को तैयार हो गई है। ज्ञात है कि जून में हुई हिंसक झड़प के बाद से चीन और भारत के बीच तनाव बना हुआ है और पिछले 6 महीने पहले चीन की सेना एलओसी के 8 किलोमीटर पश्चिम की तरफ बढ़ गई थी। लेकिन अब चीनी सेना पीएलए फिंगर 8 में जाने को तैयार है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चीन टैंक और गोला-बारूद के साथ पीछे जाने को तैयार हुआ है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि इस मामले में कोई समझौता नहीं हुआ है लेकिन भारत इसे एक ऑफर की तरह देख रहा है। जबकि अभी कुछ दूसरे इलाकों से पीछे हटने को लेकर भी बातचीत चल रही है।

सातवें दौर की वार्ता 12 अक्टूबर को हुई थी। अब तक टकराव स्थलों से सैनिकों को पीछे हटाने के मुद्दे पर कोई सफलता नहीं मिली है। सूत्रों का कहना है कि चीन पीछे हटने को तब तैयार हुआ है जब भारत के लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन और चीन के मेजर जनरल लिउ लिन के बीच 6 नवंबर को चुशूल में बैठक हुई थी। अब तक भारत और चीन के बीच 7 राउंड में बातचीत हुई थी लेकिन इस बार बातचीत आमने-सामने हुई।

भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद 22 जून को तय किया गया था कि दोनों सेनाएं 6 जून को बनी सहमति के अनुसार पीछे हट जाएंगी। इसके बाद, निचले स्तर पर हुई इससे सम्बंधित बैठकों में इसका पूरा ब्योरा भी तय किया गया था, लेकिन इसके बॉस भी चीन की तरफ से वापस लौटने की शुरूआत नहीं हुई है। बता दें, एलएसी पर यह कंडीशन 22 जून से बनी हुई थी।

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