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आईआईएसएसएम का दो दिवसीय कॉन्क्लेव आज से, कोरोना काल से जुड़ी चुनौतियों पर होगी चर्चा

नई दिल्ली । इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट (आईआईएसएसएम) का दो दिवसीय 30 वां अन्तराष्ट्रीय कॉन्क्लेव आज से शुरू हो रहा है। यह वर्चुअल आयोजित किया गया है। इस दो दिवसीय कॉन्क्लेव में कोविड-19 काल में विभिन्न व्यवसाय से जुड़ी चुनौतियों और इसके सफलतापूर्वक निराकरण को लेकर देश-विदेश के एक हजार से अधिक विभिन्न व्यवसाय से जुड़े जानकार और विद्वान चर्चा करेंगे।

आईआईएसएसएम के इस दो दिवसीय अन्तराष्ट्रीय कॉन्क्लेव का उद्घाटन महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशयारी करेंगे जबकि धन्यवाद ज्ञापन हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय करेंगे। कॉन्क्लेव के दूसरे दिन 12 दिसम्बर को केंद्र सरकार में सड़क परिवहन, राजमार्ग और केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नितिन जयराम गडकरी एवं केंद्रीय संसदीय कार्य- भारी उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम राज्य मंत्री, भारत सरकार अर्जुनराम मेघवाल प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे।12 दिसम्बर को ही जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा भी प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे।

आईआईएसएसएम के दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय वार्षिक कॉन्क्लेव से पूर्व एसके शर्मा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के पूर्व महानिदेशक और वर्तमान में आईआईएसएसएम के अध्यक्ष ने कहा कि हम सभी ने कोविड-19 काल में बेहतरीन काम किया है लेकिन आगे और चुनौतियां आयेंगी। जैसा कहा जाता है कि असाधारण चुनौतियों को असाधारण निवारण की जरूरत होती है। इसके लिए समाधान खोजना और इससे संबधित पेशेवर तैयार करना और व्यवसायों की आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित करना ही हमारा लक्ष्य है।

आईआईएसएसएम के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा के पूर्व सदस्य आरके सिन्हा ने कहा कि आज व्यवसाय और उद्योग को साइबर खतरों से ज्यादा खतरा शारीरिक सुरक्षा का है। अंतिम बिंदु सुरक्षा और डेटा लॉस प्रिवेंशन की जरूरत बन गई है। हालांकि हम सुरक्षा उपाय कर रहे हैं। इन सभी खतरों के खिलाफ लेकिन पुनरुद्धार के लिए व्यापार का माहौल बनाना ही पहली प्राथमिकता है। हम सभी को सही जानकारी की आवश्यकता है। मैं आश्वस्त हूं, कि सुरक्षा के क्षेत्रों में नवीन विचार, सुरक्षा और हानि की रोकथाम से ये समस्याएं दूर होंगी।

इस सम्मेलन के दौरान आपके विचार-विमर्श एवं सुझाव इस कॉन्क्लेव शामिल सभी पेशेवरों को मदद करेंगे। साथ ही नई रणनीतियों को तैयार करने में सहायक होंगे। मैं आईआईएसएसएम के 30वें कॉन्क्लेव की सफलता की कामना करता हूं।

उल्लेखनीय है कि आईआईएसएसएम पिछले 30 वर्षों से हितधारकों को नियमित वार्षिक कॉन्क्लेव / सेमिनार और विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से सुरक्षा और हानि निवारण से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए जागरूक करने का प्रयास कर रहा है। इस वर्ष सूचना प्रौद्योगिकी (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और डेटा विश्लेषण) का उपयोग करके हानि की रोकथाम पर जोर दिया गया है। आईआईएसएसएम में हम आपको शामिल होने और “उभरते प्रतिमानों में सुरक्षा और सुरक्षा सेवाओं” पर विचार-विमर्श के लिए आमंत्रित करते हैं।

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