
नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से जुड़े शेष मुद्दों के साझा रूप से स्वीकार्य समाधान निकालने के लिए भारत और चीन ने कोर कमांडर स्तर की पिछली वार्ता में सैन्य एवं राजनयिक स्तर पर करीबी सम्पर्क बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की.
चीन के साथ पश्चिमी सेक्टर में जारी सीमा गतिरोध के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 14वें दौर की वार्ता में दोनों पक्ष सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों से करीबी संपर्क बनाए रखने और शेष मुद्दों के यथाशीघ्र ‘‘परस्पर स्वीकार्य समाधान” के लिए वार्ता जारी रखने को सहमत हुए.
उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि शेष मुद्दों के समाधान से पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर शांति एवं स्थिरता बहाल करने में मदद मिलेगी और द्विपक्षीय संबंधों में सुधार हो सकेगा. प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्ष करीबी संपर्क बनाए रखने और सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों से वार्ता जारी रखने तथा शेष मुद्दों के यथाशीघ्र परस्पर स्वीकार्य समाधान तलाशने के लिए सहमत हुए.
बागची ने कहा कि इस संदर्भ में दोनों पक्ष यथाशीघ्र अगले दौर की कमांडर स्तर की वार्ता करने के लिए भी सहमत हुए. गौरतलब है कि 12 जनवरी को दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की 14वें दौर की वार्ता में कोई सफलता नहीं मिली थी.
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध, पैंगोंग झील इलाके में एक हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 को पैदा हुआ था. इस गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों पक्षों के बीच सैन्य एवं राजनयिक स्तर पर कई दौर की वार्ता हो चुकी है. इस संवेदनशील सेक्टर में एलएसी पर दोनों देशों के वर्तमान में करीब 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved