
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi)और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप(US President Donald Trump) के बीच हालिया दोस्ताना(Recent friendlies) माहौल के बावजूद दोनों देशों(both countries) के बीच एक बार फिर मतभेद उभर आए हैं। भारत सरकार ने ट्रंप के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि दीपावली पर हुई फोन वार्ता में मोदी और उन्होंने पाकिस्तान पर चर्चा की थी।
भारत का साफ शब्दों में कहना है कि दोनों नेताओं की बातचीत के दौरान पाकिस्तान का जिक्र नहीं हुआ। भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई फोन कॉल में पाकिस्तान पर कोई चर्चा नहीं हुई।”
आपको बता दें कि यह पिछले दो हफ्तों में दूसरी बार है जब भारत ने ट्रंप के बयानों का खंडन किया है। इससे पहले भारत ने ट्रंप के इस दावे को भी नकार दिया था कि मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक दीपावली कार्यक्रम में कहा था कि उनकी प्रधानमंत्री मोदी से बात हुई और दोनों नेताओं ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने की आवश्यकता पर चर्चा की। हालांकि पीएम मोदी ने बाद में एक्स पर पोस्ट करते हुए केवल यह लिखा कि भारत और अमेरिका को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहना चाहिए, जिसमें पाकिस्तान का सीधा जिक्र नहीं था, लेकिन भारत की चिंताओं का संकेत जरूर था।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी इस सप्ताह मलेशिया में होने वाले आसियान/ईस्ट एशिया सम्मेलन में वर्चुअल रूप से भाग ले सकते हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के कारण उनके विदेश यात्रा पर जाने की संभावना कम है। इस फैसले का मतलब यह भी है कि निकट भविष्य में ट्रंप और मोदी की आमने-सामने मुलाकात की संभावना लगभग खत्म हो गई है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि वे इस साल मलेशिया में होने वाले वार्षिक सम्मेलन में शामिल होंगे, लेकिन अगले महीने दक्षिण अफ्रीका में होने वाले G20 सम्मेलन में उनके शामिल होने की संभावना कम है, जहां मोदी मौजूद रहेंगे।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ताओं में ठहराव और ट्रंप द्वारा पाकिस्तान के साथ खुले तौर पर बढ़ती नजदीकी से दोनों देशों के संबंधों में ठंडक आई है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुए युद्धविराम को अपनी सेना और पाकिस्तान की सेना के बीच सीधे संवाद का नतीजा बताया था, जबकि ट्रंप लगातार दावा करते रहे कि उन्होंने व्यापार शुल्क लगाने की धमकी देकर यह युद्ध रोका।
रिश्तों में तनाव उस समय और बढ़ गया जब पीएम मोदी ने इस साल जून में वाइट हाउस आने के ट्रंप के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया, क्योंकि उसी समय पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर को भी वॉशिंगटन में विशेष सम्मान दिया जा रहा था।
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