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भारत समेत दक्षिण पूर्व एशिया में उग्रवादियों को मिल रही चीनी मदद

गुवाहाटी । भारत के पूर्वोत्तर राज्यों समेत दक्षिण पूर्व एशिया के म्यांमार समेत कई देशों के उग्रवादियों के जरिए चीन द्वारा इस क्षेत्र को अशांत करने की कोशिशों के कई प्रमाण सामने आ रहे हैं। हालांकि चीन की एजेंसियां उग्रवादियों से सीधे संपर्क में नहीं आती हैं। चीनी एजेंसियां इसके लिए विश्वभर में सबसे बदनाम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के कंधे का सहारा लेती हैं।

म्यांमार के प्रमुख उग्रवादी संगठन आरकान आर्मी जैसे संगठनों के जरिए भारत के विद्रोही गुटों को हथियार समेत अन्य सामग्री मुहैया कराते हुए भारत के विरुद्ध उकसाने की कोशिशों में चीन की सेना जुटी हुई है। हालांकि म्यांमार की रॉयल आर्म्ड आर्मी जहां अपने इलाकों में उग्रवादियों के विरूद्ध अभियान चला रही है, वहीं भारतीय सेना भी अपने क्षेत्र में उग्रवादियों पर कड़ी नजर रखे हुए है।

सूत्रों का कहना है कि म्यांमार सेना आरकान के प्रभाव वाले कई इलाकों में जुलाई के अंतिम हिस्से में अभियान चलाया था। सर्जिकल स्ट्राइक कर उनकी कमर तोड़ने में जुटी हुई है। मयांमार के आरकान वैली को अब रक्सिन स्टेट के नाम से जाना जाता है। यह इलाका बर्मा के पश्चिमी छोर पर है, जो बांग्लादेश के समुद्री सीमा से लगा हुआ है। आरकान आर्मी के प्रभाव वाले मुख्य रूप से चीन राज्य, कोचीन राज्य, रक्सिन राज्य, शान राज्य और म्यांमार-बांग्लादेश के सीमावर्ती इलाके हैं।

उल्लेखनीय है कि भारत के लद्दाख क्षेत्र में चीन सीधे तौर पर उलझा हुआ है। वहीं पाकिस्तान अपनी वर्षों पुरानी उग्रवाद वाली रणनीति पर काम कर रहा है। इस बीच चीन और पाकिस्तान भारत के पूर्वी क्षेत्र में भी एक छद्म युद्ध छेड़कर परेशान करने की कोशिशों में जुटा हुआ है। हालांकि पूर्वोत्तर के उग्रवादियों को हथियार और पैसा पहले भी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से मिलने के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन इस बार चीन पर उग्रवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान के कंधे पर बंदूक रखकर निशाना साधने का आरोप लग रहा है।

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने चर्चा के दौरान इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि चीन खुले तौर पर उग्रवाद को सीधे मदद करने से बचता है। उसको इस बात का डर है कि अगर यह आरोप उस पर सीधे तौर पर लगा तो उसकी छवि को बड़ा भारी धक्का लगेगा। इसलिए उसने आईएसआई के जरिए अपने हितों को साधने के लिए पैसे और हथियार मुहैया करा रहा है। आईएसआई चीनी पैसे व हथियार को म्यांमार के उग्रवादियों के जरिए पूर्वोत्तर भारत के उग्रवादियों तक पहुंचाया जा रहा है। इस तरह किसी को किसी के संबंध की कोई जानकारी सीधे पर नहीं मिल पाती है।

हाल के दिनों में भारतीय सेना के विरुद्ध उग्रवादियों द्वारा चीन निर्मित हथियार का इस्तेमाल करते पाया गया है। खबरों के अनुसार आईएसआई के जरिए चीन इस पूरे क्षेत्र में परोक्ष रूप से स्थानीय सरकारों के विरुद्ध मोर्चा खोल रहा है। ऐसी भी ख़बरें हैं कि इस पूरे क्षेत्र के युवकों को बहला-फुसलाकर गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग दी जा रही है और उन्हें अत्याधुनिक हथियार दिए जा रहे हैं। जानकारों का आरोप है कि जंगलों और दुर्गम पहाड़ों का लाभ उठाकर पूर्वोत्तर राज्यों के उग्रवादी संगठनों को हथियार और धन मुहैया करवा रहा है। भारत तथा म्यांमार की सेना इस पूरी गतिविधि पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।

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