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बहुत बड़ा था भारत…कंधार, तक्षशिला और इंडोनेशिया तक थे हमः किरेन रिजिजू

नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Union Law Minister Kiren Rijiju) ने कहा कि भारत की संस्कृति (India culture) का प्रभाव देश की वर्तमान भौतिक सीमाओं से बहुत बड़ा है. बहुत से लोग इस बात को नहीं जानते कि भारत का प्रभाव क्षेत्र आज की तुलना में बहुत बड़ा था. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने देश का सांस्कृतिक एकीकरण शुरू किया है. केंद्रीय मंत्री गुजरात के पोरबंदर जिले में माधवपुर मेले के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।

रिजिजू ने समारोह में बोलते हुए कहा, माधवपुर मेले जैसे जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम लोगों को साथ लाते हैं और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के सिद्धांत को मजबूत करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के विभिन्न हिस्सों में इस विषय पर कार्यक्रम आयोजित कर देश के सांस्कृतिक एकीकरण की शुरुआत की है।


‘अफगानिस्तान और इंडोनेशिया तक हमारा प्रभाव’
उन्होंने आगे कहा, भारत का सांस्कृतिक प्रभाव इसके वर्तमान भौगोलिक क्षेत्र से कहीं अधिक है. भारत के सांस्कृतिक प्रभाव ने कंधार (अफगानिस्तान) और तक्षशिला (पाकिस्तान) से इंडोनेशिया तक और हिमालय से परे भी एक क्षेत्र पर अपना असर छोड़ा है. बहुत से लोगों को अंदाजा नहीं होगा कि आज जो हम भारत का मानचित्र देखते हैं, इससे कई गुना बड़ा भारत का साइज रहा है. कई कारण हैं जिसकी वजह से हम एक सीमित भारत बनकर रह गए. कंधार (अफगानिस्तान), तक्षशिला (पाकिस्तान), इंडोनेशिया और हिमालिय से परे तक हमारा प्रभाव रहा है.” उन्होंने कहा कि आज जो तिब्बत-चीन की सीमा बनी है, उसके आगे मानसरोवर और कैलाश तक हम जाते रहे हैं।

देश को जोड़ रहे पीएम मोदी- रिजिजू
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को जन्म दिया और बचे हुए पूरे भारत को सांस्कृतिक दृष्टि से जोड़ने का काम शुरू किया. रिजिजू ने कहा, माधवपुर मेले में भाग लेने के लिए पूर्वोत्तर के लोग बड़ी संख्या में आते हैं, जो क्षेत्र और गुजरात के बीच पुराने संबंधों को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है।

श्रीकृष्ण और देवी रुक्मिणी के विवाह की याद में मेला
इस मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण और देवी रुक्मिणी के विवाह के उपलक्ष्य में हर साल माधवपुर मेले का आयोजन किया जाता है. यह पूर्वोत्तर और पश्चिमी राज्य को एक दूसरे के करीब लाता है. भगगान श्रीकृष्ण की कथा के अनुसार उन्होंने समुद्र तट पर बसे एक छोटे से गांव माधवपुर में देवी रुक्मिणी से विवाह किया था. रुक्मिणी के बारे में कहा जाता है कि वह उत्तर पूर्व से थीं।

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