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    इंदौर: 51 भूखंड पीडि़तों की शिकायत पर ओम सांई रेसीडेंसी पर गिरी गाज

  • June 26, 2024

    • एफआईआर के बावजूद ब्लूमबर्ग ने नहीं दी राहत
    • प्रशासन ने कालोनाइजर सहित ७ लोगों के खिलाफ दर्ज करवाई एफआईआर

    इंदौर। प्रशासन (Administration) द्वारा बिना अभिन्यास, विकास और रेरा (RERA) अनुमति के बिना कॉलोनियां काटकर डायरियों-रसीदों पर भूखंड बेचने वाले कॉलोनाइजरों, प्रॉपर्टी ब्रोकरों (Colonizers, Property Brokers) पर कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में ग्राम रिंगनोदिया में ओम सांई रेसीडेंसी (Om Sai Residency) के सात कर्ताधर्ताओं के खिलाफ थाना सांवेर में एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई है, जिसमें 51 आवेदकों द्वारा अपने साथ हुई ठगी के आवेदन प्रशासन को दिए गए थे और फिर कॉलोनी सेल द्वारा जांच के बाद ये एफआईआर दर्ज कराई गई। वहीं कालीबिल्लोद, सलमपुर सहित अन्य स्थानों पर काटी जा रही कॉलोनियों की सूची भी तैयार की गई है। वहीं कुछ बिल्डरों के नाम भी सामने आए हैं, जिन्होंने फ्लैटों की बुकिंग भी इसी तरह कर दी। वहीं दूसरी तरफ तीन साल पहले तत्कालीन कलेक्टर ने सुपर कॉरिडोर की टाउनशिप ब्लूमबर्ग के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। बावजूद इसके पीडि़तों को राहत नहीं मिली। अब नए सिरे से इस मामले में प्रशासन कार्रवाई करने जा रहा है।

    हातोद थाने पर ब्लूमबर्ग के प्रफुल्ल सकलेचा, रामेश्वर गुड्डा पटेल, विवेक राठी, मयंक, रजनीश, अनिल जैन, डॉ. जैन सहित आठ आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। कलेक्टर कार्यालय स्थित कॉलोनी सेल के प्रभारी प्रदीप सोनी के मुताबिक ब्लूमबर्ग टाउनशिप के खिलाफ एफआईआर तो हुई, मगर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते पीडि़तों को राहत नहीं मिल सकी और अभी एक बार फिर कई शिकायतें प्राप्त हुई है, जिसके चलते नए सिरे से नोटिस देने के अलावा अन्य कार्रवाई करेंगे। दूसरी तरफ कुछ कॉलोनाइजरों, बिल्डरों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई जा रही है, जिन्होंने बिना नगर तथा ग्राम निवेश से अभिन्यास मंजूर करवाए और विकास अनुमति के साथ-साथ रेरा रजिस्ट्रेशन भी हासिल नहीं किया और डायरियों-रसीदों पर भूखंड बेच दिए, जबकि मौके पर खेत ही पड़े हैं। इनमें एक रिंगनोदिया स्थित ओम सांई रेसीडेंसी कॉलोनी है, जिसके 7 कर्ताधर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। 51 पीडि़तों से 4 करोड़ 33 लाख से अधिक की धोखाधड़ी की गई है। इनमें रमेश चौधरी, सुरेश जाट, अर्चना बाई, शक्कुबाई, ताराबाई, प्रद्युम्न जाट और महेश यादव के खिलाफ एफआईआर हुई है। वहीं देपालपुर अनुभाग में काली बिल्लौद, सलमपुर में भी इसी तरह भव्य रियलिटी सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। कलेक्टर आशीष सिंह का स्पष्ट कहना है कि कई लोगों ने खेत के ही टुकड़े कर बेच दिए हैं और इस तरह अवैध कालोनाइजेशन बढ़ रहा है और जनसुनवाई में भी लगातार शिकायतें मिलती हैं। इधर सूत्रों का कहना है कि बीसीएम के नवीन मेहता ने मांगलिया से लेकर सुपर कॉरिडोर के पुआर्डा-जुआर्डा, तराना से लेकर उज्जैन तक इसी तरह बिना अनुमति कॉलोनियां काट दी और डायरियों पर माल बेच दिया है। इसी तरह बिचौली, कैलोदकरताल, सनावदिया से लेकर भानगढ़,गवली पलासिया, रणमल बिल्लौद, टिगरिया बादशाह, रतनखेड़ी, सौलसिंदा सहित अन्य क्षेत्रों में भी कई कालोनाइजरों ने इसी तरह खेत पर बिना अनुमतियां कालोनी काट करोड़ों के भूखंड बेच डाले। निपानिया क्षेत्र के एक बिल्डर दिनेश सतवानी ने भी अपने स्मार्ट रॉयल प्रोजेक्ट मेंरेरा अनुमति से पहले ही कई फ्लेट डायरियों पर बुक कर दिए और अब पैसा वापस लौटाने में आनाकानी की जा रही है।

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