
– रेल लाइन के लिए जमीन का रास्ता साफ
– भूमि अधिग्रहण का फाइनल नोटिफिकेशन जारी…
– 3262 करोड़ की परियोजना, 2024 का लक्ष्य
– दो सुरंगें, 33 ब्रिज, मार्ग में 105 पुल-पुलियाएं
मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बुधनी तक 205 किलोमीटर की लाइन बिछेगी
इंदौर, विकाससिंह राठौर। प्रदेश के सबसे बड़े नगर इंदौर से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) के विधानसभा क्षेत्र बुधनी के लिए बड़ी रेल लाइन डालने हेतु जमीन को लेकर अब तक जो अड़ंगा था वह अब दूर हो गया है। भारत सरकार की ओर से इस विशेष रेल परियोजना के लिए इंदौर, देवास और सीहोर में भूमि अधिग्रहण के लिए फाइनल नोटिफिकेशन (Notification) जारी कर दिया गया है।
इंदौर-बुधनी के बीच 205 किलोमीटर लंबी रेल लाइन डालने की स्वीकृति वर्ष 2018 में विशेष रेल परियोजना के तहत हुई थी। रेल विकास निगम लिमिटेड ने 28 अक्टूबर को ही आदेश जारी करते हुए भूमि अधिग्रहण का रास्ता साफ कर दिया है। इस महत्वपूर्ण रेल परियोजना के लिए 224.542 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें इंदौर, देवास और सीहोर जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की सरकारी और निजी जमीन आ रही है। इस परियोजना को 31 मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रोजेक्ट की लागत 3262 करोड़ रुपए रखी गई है, जिनमें से मार्च तक करीब 90 करोड़ ही मिले थे।
यहां होगी सुरंग
इस रेल परियोजना के तहत इंदौर से बुधनी के बीच 105 पुल-पुलियाएं बनेंगी। 33 ब्रिज बनाए जाएंगे। दो सुरंग भी बनेंगी। पहली सुरंग चापड़ा से कलवार के बीच सात किलोमीटर लंबी और दूसरी करनावद के पास एक किलोमीटर लंबी होगी। इनमें से कई पुल-पुलियाओं और सुरंग का काम शुरू भी हो चुका है।
इंदौर-जबलपुर की राह होगी आसान… 68 किलोमीटर की दूरी कम होगी
रेलवे एक्सपर्ट नागेश नामजोशी ने बताया कि इस लाइन के शुरू हो जाने से इंदौर से जबलपुर का मार्ग करीब 68 किलोमीटर कम हो जाएगा और जबलपुर जाने वाली गाडिय़ां बिना भोपाल जाए इस लाइन से जल्दी पहुंच सकेंगी। इसके साथ ही इस लाइन के शुरू होने से कन्नौद, खातेगांव और हरदा के लोगों को भी इंदौर आने-जाने की सुविधा मिल सकेगी। जीनिंग के प्रमुख क्षेत्र कन्नौद के इंदौर से जुडऩे से व्यापार में भी बढ़ोतरी होगी।
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