
2021 से ही लागू हो गया था नियम… महापौर ने आदेश वापस लेने के लिए शासन को लिखी चिट्ठी
इंदौर। भवनों (buildings) के बाहर की खुली जमीन (open land) जिसे की एमओएस (MOS) कहा जाता है, उस पर अब तक कोई संपत्ति कर (Property tax) नहीं लगता था, लेकिन अब सरकार द्वारा उसे भी संपत्ति कर के दायरे में ले लिया गया है। इसके परिणामस्वरूप नगर निगम (Municipal council) द्वारा बड़ी संख्या में इन संपत्ति मालिकों के नाम नोटिस जारी कर दिए गए हैं। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा है कि वह राज्य सरकार को एक पत्र लिखकर इस जमीन पर 2021 से टैक्स लगाने के प्रावधान को समाप्त करने और अभी की स्थिति में ही टैक्स लगाने का आग्रह कर रहे हैं।
अब तक तो नगर निगम की सीमा में बने भवनों में निर्मित क्षेत्र पर ही नगर निगम द्वारा संपत्ति कर लिया जाता था। भवन अनुज्ञा के नियम के अनुसार भवन के आगे, आसपास और पीछे जो खुला स्थान छोड़ा जाता है, उस पर संपत्ति कर नहीं लगता है। राज्य शासन द्वारा 2021 में एक आदेश जारी कर इस खुले स्थान को भी संपत्ति कर के दायरे में शामिल कर लिया गया। यह आदेश जारी होने के बाद से ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ था।
अब अचानक ही नगर निगम के अधिकारियों को इस आदेश की याद आ गई। इसके परिणामस्वरूप नगर निगम द्वारा बड़ी संख्या में संपत्ति मालिकों के नाम नोटिस जारी किए गए हैं। इन संपत्ति मालिकों से निगम ने वर्ष 2021 से इस खुली भूमि पर संपत्ति कर मांग लिया है। निगम के इस नोटिस के बाद बड़ी संख्या में शहर के लोगों ने इस पर आपत्ति ली है और कहा है कि इस खुली भूमि पर टैक्स लेना ही गलत है। इसके बाद भी यदि टैक्स लेना ही है तो आज की तारीख से लिया जाना चाहिए। सीधे 4 साल पुरानी तारीख से यह टैक्स वसूल करना गलत है। इस बारे में पूछे जाने पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि इस बारे में लोगों की ओर से काफी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। मेरे द्वारा शासन को एक पत्र लिखकर यह कहा गया है कि पहली बात तो इस खुली भूमि को टैक्स मुक्त ही रखा जाए। इसके बाद भी यदि शासन को टैक्स लगाना ही है तो इस जमीन पर आज की तारीख से यानी कि चालू वित्त वर्ष से ही टैक्स लगाया जाना चाहिए।
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