कारगिल । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि उनका परिवार सेना के जवान हैं (His Family is Army Personnel) और सैनिकों के साथ (With Soldiers) दिवाली मनाना (To Celebrate Diwali) उन्हें अच्छा लगता है (They Feels Good) । देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे जवानों के साथ दिवाली मनाने के लिए सोमवार को कारगिल पहुंचे। कड़ाके की ठंड के बीच जव वह यहां पहुंचे तो तापमान जमाव बिंदु के करीब था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जबसे पीएम का पद संभाला है उसके बाद से वह लगातार दीवाली के मौके पर देश के किसी बॉर्डर इलाके में पहुंचते हैं और वहां जवानों के साथ दीवाली मनाते हैं। पीएम मोदी जवानों के साथ संवाद भी करते हैं और उन्हें मिठाई भी वितरित करते हैं।
इस मौके पर पीएम मोदी ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि “असल में दिवाली का सार ही ये है कि आतंक का अंत हो और फिर उसका उत्सव मनाया जाए। करगिल युद्ध के दौरान भी सेना ने इसी तरह से आतंक के फन को कुचल दिया था और एक दिव्य जीत दिलाई थी।” पीएम मोदी ने कहा, “मेरे लिए तो वर्षों-वर्ष से मेरा परिवार आप ही सब हैं। मेरी दीपावली की मिठास आप के बीच बढ़ जाती है, मेरी दीपावली का प्रकास आपके बीच है और अगली दीवाली तक मेरा पद प्रशस्त करता है। मेरा सौभाग्य है मुझे वर्षों से दीवाली आपके बीच बॉर्डर पर आकर आपके साथ मनाने अवसर मिल रहा है।” पाकिस्तान का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “पाकिस्तान के साथ एक भी लड़ाई ऐसी नहीं हुई है जहां कारगिल ने विजय ध्वज न फहराया हो। दिवाली का अर्थ है कि आतंक के अंत के साथ उत्सव। यही कारगिल ने भी किया था।”
उल्लेखनीय है कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब से ही दिवाली की खुशी साझा करने के लिए सैनिकों से मिलने जाते रहे हैं। पिछले साल उन्होंने जम्मू-कश्मीर के जम्मू संभाग के सीमावर्ती शहर नौशेरा में दिवाली मनाई थी। 2020 में उन्होंने राजस्थान के जैसलमेर में सैनिकों के साथ दिवाली की खुशियां साझा की थीं। 2019 में दिवाली पर मोदी जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले गए थे, जबकि 2018 में वह सेना और आईटीबीपी के जवानों के साथ दिवाली मनाने के लिए उत्तराखंड में थे। 2017 में प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती शहर गुरेज में बीएसएफ के जवानों के साथ दिवाली मनाई थी। इसी तरह 2016 में वह हिमाचल प्रदेश गए थे। मोदी ने 2015 में पंजाब में सैनिकों के साथ दिवाली मनाई और 2014 में वह दिवाली पर सैनिकों के साथ दिवाली मनाने को दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर गए।
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