नई दिल्ली । केरल (Kerala) की एक अदालत (Court) ने भ्रामक विज्ञापन (misleading advertising) के एक मामले में योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। जानकारी के मुताबिक न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वितीय ने रामदेव, बालकृष्ण और दिव्य फार्मेसी के खिलाफ वारंट जारी किया। पलक्कड़ के औषधि निरीक्षक ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है। उनकी शिकायत के आधार पर औषधि एवं चमत्कारिक उपचार (आक्षेपणीय विज्ञापन) अधिनियम, 1954 की धारा 3(डी) सह धारा 7(ए) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
मजिस्ट्रेट अदालत ने 16 जनवरी के अपने आदेश में कहा, ‘शिकायतकर्ता अनुपस्थित है। सभी आरोपी अनुपस्थित हैं। सभी आरोपियों के लिए जमानती वारंट जारी किया गया है।’ पलक्कड़ जिला न्यायालय की वेबसाइट पर मामले की स्थिति के अनुसार सुनवाई की अगली तारीख एक फरवरी है।
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब अपने दावों, विज्ञापनों और दवाओं को लेकर बाबा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई हुई है। कोरोना का इलाज करने का दावा करने के बाद भी डॉक्टरों के संगठन ने उनका विरोध किया था। इसके अलावा एड्स, होमोसेक्शुअलिटी तक ठीक करने के दावों की वजह से वह विवाद में रह चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने भी पतंजलि को फटकार लगाई थी। दरअसल आईएमए ने सूप्रीम कोर्ट में याचिका फाइल की थी। इसमें कहा गया था कि कोविड वैक्सनेशन और एलोपैथी के खिलाफ वह प्रचार कर रहे हैं और आयुर्वेदिक दवाइयों को लेकर झूठे वादे कर रहे हैं। पतंजलि पर कानून तोड़ने के भी आरोप लगाए गए थे। पतंजलि के प्रिंट मीडिया पर जारी विज्ञापनों का भी विरोध किया गया। अदालत के निर्देशों का पालन ना करने पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकार लगा दी थी।
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