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जानिए क्या है क्वॉड, अमेरिका-भारत में हुई बात, चीन को मिलेगा करारा जवाब

August 07, 2020

नई दिल्ली। लद्दाख में चीन की हिमाकत का करारा जवाब दे रहा भारत उसे कूटनीतिक, सामरिक और आर्थिक मोर्चे पर लगातार घेर रहा है। चीनी ऐप पर बैन के बाद ड्रैगन को सबक सिखाने के लिए भारत अब खुलकर कूटनीतिक मोर्चे पर ऐक्टिव हो चुका है। साउथ चाइना सी में चीन की कारस्तानी का जवाब देने के लिए अमेरिका पहले ही वहां अपना जंगी बेड़ा भेज चुका है जबकि भारत भी हिंद महासागर में सतर्क हो चुका है। सूत्रों का कहना है कि क्‍वॉड के जरिए नई दिल्ली अब ड्रैगन के पर करतने की योजना बना रहा है। बता दें कि भारत और चीन के बीच पिछले कई महीने से लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनातनी जारी है।
भारत और चीन में चल रहे तनाव के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और एस जयशंकर के बीच कल फोन पर बातचीत हुई है। दोनों देशों के बीच कोरोना महामारी से लेकर क्वॉड ग्रुप को लेकर चर्चा हुई। बता दें कि लद्दाख में एलएसी चीन की आक्रमकता पर अमेरिका खुलकर भारत के साथ आ चुका है और उसने साउथ चाइना सी में चीन को घेरना शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि क्‍वॉड में शामिल सभी देश अगर साथ आ जाएं तो चीनी ड्रैगन को आसानी से काबू में किया जा सकता है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि पोम्पियो के साथ बातचीत में कोरोना संकट की चुनौतियों और भविष्य क्वॉड ग्रुप के फार्मेट को लेकर मंथन किया गया। उन्होंने कहा कि कल रात अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर अच्छी चर्चा हुई। इसके अलावा क्षेत्रीय और दक्षिण एशिया, अफगानिस्तान तथा भारत-प्रशांत क्षेत्र समेत कई वैश्विक मुद्दों पर बातचीत हुई।
द क्वॉड्रिलैटरल सिक्‍यॉरिटी डायलॉग (क्‍वॉड) की शुरुआत वर्ष 2007 में हुई थी। हालांकि इसकी शुरुआत वर्ष 2004-2005 हो गई जब भारत ने दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों में आई सुनामी के बाद मदद का हाथ बढ़ाया था। क्‍वाड में चार देश अमेरिका, जापान, ऑस्‍ट्रेलिया और भारत शामिल हैं। मार्च में कोरोना वायरस को लेकर भी क्वॉड की मीटिंग हुई थी। इसमें पहली बार न्यूजीलैंड, द. कोरिया और वियतनाम भी शामिल हुए थे।
कोरोना महासंकट की इस घड़ी में भारत ही नहीं दुनियाभर में ऐसी मांगे उठने लगी हैं कि चीन ने भारत को घेरने के लिए ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल’ बनाया है और भारत को भी ‘क्‍वॉड’ को मजबूत कर इसे ‘एशियाई नाटो’ का रूप देना चाहिए।
क्‍वाड देश आपस बातचीत के अलावा मालाबार नाम से संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास भी करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि एशिया में चीन की बढ़ती आर्थिक और सैन्‍य दादागिरी पर लगाम लगाने के लिए इस समूह का गठन हुआ है। इस समूह के गठन के बाद से ही चीन चिढ़ा हुआ है और लगातार इसका विरोध कर रहा है। लद्दाख में चल रहे सैन्‍य तनाव के बीच चीन का सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स भारत को लगातार धमकी दे रहा है। साथ ही नसीहत दे रहा है कि भारत क्‍वॉड से दूर रहे और गुटन‍िरपेक्षता की अपनी नीति का पालन करे।

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