
इंदौर (Indore)। महीनों से सोयाबीन की खेती कर रहे किसान को अपने ही खेत की बिक्री की कानोकान खबर नहीं लगी। एक महीने में दो बार जमीन का सौदा हो गया। खसरा नकल निकालने पहुंचे किसान के सामने खुलासा हुआ तो पैरों तले जमीन खिसक गई। पटवारी से लेकर नायब तहसीलदार तक की मिली भगत का खुलासा हो सकता है।
विक्रमसिंह पिता पर्वतसिंह निवासी पुर्वाडादाई तहसील सांवेर के किसान के पैरों तले उस समय जमीन खिसक गई, जब उसे जानकारी लगी कि वह अपने खेत का मालिक नहीं रहा और न ही उस पर लहलहाती सोयाबीन की फसल उसकी है। खसरा बी 1 की नकल निकलवाने पहुंचे किसान ने कलेक्टर से गुहार लगाते हुए बताया कि महेश पिता केशव पता बड़ेली बडऩगर जिला उज्जैन व रेखा पति राजेंद्र भौंरासा सोनकच्छ देवास ने उसके खेत के दस्तावेजों पर अपना नाम पटवारी से सांठगांठ कर चढ़वा लिया है।
भू रिकार्ड में भूमि स्वामी के नाम में हेराफेरी करने की शिकायत करते हुए किसान ने बताया कि उक्त व्यक्ति ने रोशनी वर्मा पिता अशोक वर्मा महेश यादव निवासी बाणगंगा से जमीन का सौदा करके विक्रय भी कर दिया है। कलेक्टर ने नायब तहसीलदार को तलब कर जांच सौंपी है। ज्ञात हो कि किसान ने जब खसरा बी-1 की नकल निकालने का आवेदन दिया तो उक्त मामले का खुलासा हुआ और किसान ने फिर सूचना के अधिकार के तहत सांवेर तहसील टप्पा क्षिप्रा से जानकारी मांगी गई। मय दस्तावेज के किसान ने कलेक्टर को शिकायत की है।
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