
नई दिल्ली। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का आंदोलन एक महीने से ज्यादा समय से दिल्ली बॉर्डर पर चल रहा है। इस दौरान 50 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है, जिसे लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर हीलाहवाली करने का आऱोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार सत्ता का अहंकार छोड़ बिना शर्त तोनों कानून वापस ले।
किसानों के समर्थन में रविवार को बयान जारी कर सोनिया गांधी ने सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कंपकपाती ठंड और बारिश में दिल्ली की सीमाओं पर अपनी मांगों के समर्थन में 39 दिनों से संघर्ष कर रहे अन्नदाताओं की हालत देखकर देशवासियों सहित मेरा मन भी बहुत व्यथित है। उन्होंने कहा कि आंदोलन को लेकर सरकार की बेरुखी के चलते अब तक 50 से अधिक किसान जान गंवा चुके हैं। कुछ ने तो सरकार की उपेक्षा के चलते आत्महत्या जैसा कदम उठाया लेकिन बेरहम सरकार का न तो दिल पसीजा और न ही आज तक प्रधानमंत्री या किसी भी मंत्री के मुंह से सांत्वना का एक शब्द निकला।
केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में यह पहली ऐसी अहंकारी सरकार है जिसे आम जनता तो दूर, देश का पेट भरने वाले अन्नदाताओं की पीड़ा भी नहीं दिख रही। चंद उद्योगपति के लिए मुनाफा सुनिश्चित करना ही इस सरकार का मुख्य एजेंडा बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि अब भी समय है कि मोदी सरकार सत्ता के अहंकार को छोड़ बिना शर्त तीनों काले कानून वापस ले और ठंड एवं बारिश में दम तोड़ रहे किसानों के आंदोलन को खत्म कराए। सोनिया ने कहा कि यही राजधर्म है और दिवंगत किसानों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि भी। मोदी सरकार को याद रखना चाहिए कि लोकतंत्र का अर्थ ही जनता और किसान-मजदूर हितों की रक्षा करना है।
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