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लोजपा प्रमुख चिराग पासवान अपनी ही पार्टी में पड़े अलग-थलग

पटना । लोजपा प्रमुख चिराग पासवान क्या अब अपने दल में भी अलग-थलग पड़ गए हैं? यह प्रश्न आज उठने लगा है. चर्चा है कि चिराग पासवान की कार्यप्रणाली को लेकर पार्टी के अंदर भी भारी नाराजगी है. यहां तक कि वह अपने घर में भी अकेले पड़ते जा रहे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी उनके चाचा सांसद पशुपति कुमार पारस साथ नहीं दिखे थे. यहां तक कि उनका एक बयान भी सामने नही आया था.

इसतरह से बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद अब पार्टी सांसदों ने भी चिराग से दूरी बना ली है. पार्टी की स्थापना दिवस समारोह के दिन भी सांसदों ने चिराग से दूरी बना ली. चिराग के साथ सिर्फ उनके सांसद भाई प्रिंस पासवान ही दिखे. लोजपा सांसदों ने स्थापना दिवस कार्यक्रम तो मनाया लेकिन चिराग पासवान के साथ नहीं बल्कि अलग-अलग.

जानकार बताते हैं कि लोजपा के सांसद भी अपने सुप्रीमो की कार्यप्रणाली से खुश नहीं हैं. यूं कहें कि चिराग पासवान चहुंओर घिर गए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जेल भेजने की बात कहने वाले चिराग पासवान की बिहार की जनता ने वास्तविक हैसियत में ला खड़ा कर दिया है. 28 नवंबर को पार्टी की स्थापना दिवस कार्यक्रम में पार्टी सांसदों का शामिल नहीं होना यह बताता है कि लोजपा में सबकुछ ठीक नहीं है और चिराग की नीतियों से सांसद खफा हैं. हालांकि लोजपा इस तरह की बात से इनकार कर रही है. बताया जाता है कि रामविलास पासवान के भाई व हाजीपुर के सांसद पशुपति कुमार पारस दिल्ली में ही रहे.

उन्होंने पटना में आयोजित स्थापना दिवस समारोह में भाग नही लिया, कारण कि इसमें चिराग पासवान शामिल हो रहे थे. पारस की तरफ से दिल्ली में ही स्थापना दिवस पर कार्यक्रम आयोजित की गई. वहीं, वैशाली की सांसद वीणा सिंह भी चिराग पासवान की तरफ से पटना में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत नहीं की. वीणा देवी ने मुजफ्फरपुर में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. जबकि खगड़िया के सांसद चौधरी महबूब अली कैसर तो पूरी तरह से चिराग से अलग हो गये हैं. दोनों के बीच का विवाद तो सार्वजनिक है.

चौधरी कैशर ने अपने बेटे को राजद में शामिल करा कर विधानसभा का टिकट दिलवा दिया था और सिमरी बख्तियारपुर से विधायक बनवा दिया. ऐसे में चिराग पासवान ने चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक मंच से ही अपने सांसद चौधरी कैसर को खरी-खोटी सुनाई थी. वहीं, नवादा के सांसद चंदन सिंह बीमार हैं. लिहाजा वे किसी कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर सके. इसतरह से पार्टी का कोई भी वरिष्ठ नेता ने इस कार्यक्रम मेम भाग लेना मुनासिब नही समझा.

इधर, चिराग पासवान के ऊपर हमला बोलते हुए सूबे की उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि जिसके पास अपनी गिनती नहीं है अपने कार्यकर्ताओं को झूठा आश्वासन दे रहा है. उन्होंने कहा कि सबसे दुख की बात यह है कि चिराग वह दिन भूल गए हैं कि अनुसूचित जाति जो शक्ति सिंह की हत्या हो गई, उनकी महिला को क्या किया? क्या वह टिकट के लिए हुआ था? क्या उन्होंने टिकट के लिए पैसा नहीं दिया तो उनकी हत्या हो गई? हत्या के बाद उन्होंने आरोप भी लगाया.

आरोप के बाद उस महिला की चिंता नहीं है, लेकिन लोजपा की बहनों की चिंता हमें भी है. जबकि उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि चिराग पासवान जी क्या कहते हैं ये हमारा विषय नहीं है, इस पर राष्ट्रीय नेतृत्व देख रहा है. उनके साथ किस प्रकार का संबंध होगा इस पर बाद में तय होगा.

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