बड़ी खबर

CBI को लेकर बड़ा फैसला करने की तैयारी में महाराष्ट्र सरकार! हट सकते हैं Restrictions

मुंबई। सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (Central Investigation Bureau-CBI) को लेकर महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) जल्दी बड़ी फैसला ले सकती है। खबर है कि राज्य में जांच एजेंसी पर लगे प्रतिबंधों को हटाया (restrictions removed) जा सकता है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं कहा गया है। खास बात है कि महाराष्ट्र उन राज्यों में शामिल है, जिसने अपने क्षेत्र में सीबीआई के कामों को लेकर जनरल कंसेंट वापस ले लिया है। जिसके चलते जांच एजेंसी को छोटी कार्रवाई के लिए भी राज्य सरकार के पास आवेदन देना होता है।


एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि राज्य सरकार प्रतिबंध को हटाने के फैसले पर विचार कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली सरकार जल्दी इसे हटा सकती है। इससे पहले महाविकास अघाड़ी सरकार में सीबीआई पर प्रतिबंध लगा दिए गए थे, जिसके चलते केंद्रीय एजेंसी को जांच की शुरुआत करने से पहले सरकार की सहमति की जरूरत होती थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि कैबिनेट बैठक में सरकार की तरफ से यह प्रतिबंध हटाया जा सकता है। दरअसल, जब जनरल कंसेंट वापस ले लिया जाता है, तो सीबीआई को संबंधित राज्य सरकार से जांच के लिए सहमति हासिल करना जरूरी हो जाता है। अगर विशिष्ट सहमति नहीं मिलती है तो जांच एजेंसी के अधिकारियों के पास राज्य में पुलिस की शक्तियां नहीं होंगी।

महाराष्ट्र में दही हांडी को मिला साहसिक खेल का दर्जा
मुख्यमंत्री शिंदे ने गुरुवार को विधानसभा में घोषणा की कि उनकी सरकार ने लोकप्रिय उत्सव दही हांडी को साहसिक खेल का दर्जा देने का फैसला किया है। इस आयोजन से एक दिन पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि साहसिक खेल का दर्जा मिलने से दही हांडी में शामिल होने वाले युवक खेलकूद कोटे के तहत सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों या उनके परिवारों को मानव पिरामिड बनाने के दौरान किसी खिलाड़ी के हताहत होने की स्थिति में मुआवजा दिया जाएगा।

Share:

Next Post

सूचीबद्ध मामले हटाने के मुद्दे पर क्षुब्ध हुए CJI, कहा- विदाई भाषण में इस पर बोलेंगे

Fri Aug 19 , 2022
नई दिल्ली। देश के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (Chief Justice of India NV Ramana) भले ही मास्टर ऑफ रोस्टर (master of roster) हों और कोर्ट की 16 पीठों में सुनवाई के लिए मुकदमों का वितरण करते हों, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि कई मामलों में आदेश के बावजूद मुकदमा बेंच के आगे सुनवाई के […]