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Masik Shivratri 2023: इस दिन है चैत्र माह की शिवरात्रि, जानिए शुभ मुहूर्त, व्रत कथा व पूजा विधि

नई दिल्ली (New Delhi)। हर माह शिव की भक्ति के लिए मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri ) का दिन बहुत शुभ माना जाता है. महादेव के भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान भोलेनाथ (Lord Bholenath) और उनकी अर्धांगिनी माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करते हैं. मासिक शिवरात्रि का व्रत अखंड सौभाग्य, संतान सुख और धन प्राप्ति की कामना के लिए अत्यधिक फलदायी माना जाता है. कहते हैं इस दिन रात्रि में भोलेनाथ का जलाभिषक, मत्र जाप और रुद्राभिषेक करने वालों पर शिव शंभू (Shiva Shambhu) की कृपा बरसती है.आइए जानते हैं चैत्र माह का मासिक शिवरात्रि व्रत कब है, पूजा का मुहूर्त और विधि.

चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि व्रत 20 मार्च 2023 को रखा जाएगा. मान्यता है कि चतुर्दशी तिथि पर शिवजी का विवाह संपन्न हुआ था. साथ ही पहली बार महादेव शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे. कहते हैं कि मासिक शिवरात्रि के दिन शिवलिंग में महादेव का वास होता है. रात्रि के समय इनकी आराधना करने से समस्त सिद्धियों (all achievements) को प्राप्त किया जा सकता है.

चैत्र मासिक शिवरात्रि 2023 मुहूर्त (Chaitra Masik Shivratri 2023 Muhurat)
पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 20 मार्च 2023 को सुबह 04 बजकर 55 मिनट पर शुरू हो रही है इसका समापन 21 मार्च 2023 को प्रात: काल 01 बजकर 47 मिनट पर होगा. इस व्रत में रात में जाग कर शिव की पूजा की जाती है.शिव पूजा का समय – प्रात: 12.05 – प्रात: 12.52


मासिक शिवरात्रि व्रत के लाभ (Masik Shivratri Vrat Benefit)
धार्मिक मान्यता है कि जो कन्याएं मनोवांछित वर पाना चाहती हैं इस व्रत को करने के बाद उन्हें उनकी इच्छा अनुसार वर मिलता है और उनके विवाह में आ रही रुकावटें दूर हो जाती है.वहीं सुहागिनों को सौभाग्यवती रहने का वरदान प्राप्त होता है. पति पर आने वाले समस्त संकट महादेव की कृपा से दूर हो जाते हैं. निसंतान दंपत्ति को सुयोग्य संतान मिलती है.

मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा (Masik Shivratri Vrat Katha)
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव महाशिवरात्रि पर मध्य रात्रि के समय शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे. जिसके बाद सबसे पहले भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु ने उनकी पूजा की थी. उस दिन से लेकर आज तक इस तिथि को हर माह भगवान शिव के पूजन के लिए खास माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार अपने जीवन के उद्धार के लिए माता लक्ष्मीं, सरस्वती, गायत्री, सीता, पार्वती तथा रति जैसी बहुत-सी देवियों और रानियों ने भी शिवरात्रि का व्रत किया था. मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि जीवन में सुख और शांति प्रदान करता है और भगवान शिव की कृपा दृष्टि से उपासक के सारे बिगड़े काम बन जाते है.

नोट- उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्‍य सूचना के लिए हैं हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं.

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