img-fluid

धधकते अंगारों पर मातम, मुहर्रम को अलग-अलग तरीकों से क्‍यों मनाते हैं शिया और सुन्नी

June 29, 2025

नई दिल्‍ली। मुहर्रम (Muharram) में खुद को चोट पहुंचाना बहुत मुश्किल होता है. लेकिन शिया मुसलमान (Shia Muslim) हर साल एक खास मौके पर मातम मनाते हैं, धधकते अंगारों पर चलते हैं, जंजिरों से खुद को चोट पहुंचाते हैं.



इस्‍लाम में 4 महीनों को बेहद अहम माना जाता है, जिनमें से एक महीना मुहर्रम भी है. मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है, जिसमें न तो कोई युद्ध लड़ा जाता है और न ही किसी तरह की खुशियां मनाई जाती हैं.

मुहर्रम का महीना शिया और सुन्नी दोनों के लिए अहमियत रखता है, लेकिन इसे मनाने का तरीका काफी अलग-अलग होता है. इस महीने में सुन्नी लोग अल्लाह की इबादत करते हैं. वहीं, शिया मुसलमान मातम मनाते हैं.

27 जून से मुहर्रम का महीना शुरू हो गया है. मुहर्रम के दसवें दिन को आशूरा कहते हैं, जो इस महीने का सबसे अहम दिन होता है. इस साल आशूरा का दिन 6 जुलाई को मनाया जाएगा, जिसे यौम-ए-आशूरा भी कहते हैं.

10 मुहर्रम यानी आशूरा के दिन इमाम हुसैन और उनके 72 साथी कर्बला की जंग में शहीद हो गए थे. इसलिए इमाम हुसैन की शहादत की याद में आशूरा का दिन मनाया जाता है. शिया मुसलमान इस दिन गम मनाते हैं और इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हैं.

इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए शिया समुदाय के लोग खुद को तकलीफ देकर, मजलिस में शामिल होकर अपना गम जाहिर करते हैं. वहीं, सुन्नी मुसलमान भी मुहर्रम मनाते हैं, लेकिन वे इस दिन मातम नहीं मनाते हैं.

Share:

  • TMKOC: 17 साल बाद जेठालाल और बबीता जी के शो छोड़ने की खबर !

    Sun Jun 29 , 2025
    मुंबई। तारक मेहता (TMKOC) में मेन लीड के शो से बाहर होने की इस खबर ने फैंस को न सिर्फ बड़ा झटका दिया, बल्कि सभी को निराश कर दिया था। इन खबरों पर तारक मेहता में गोगी (Gogi) का किरदार निभाने वाले समय शाह ने चुप्पी तोड़ी है। तारक मेहता का उल्टा चश्मा ‘तारक मेहता […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved