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मप्रः Lok Adalat में 79,622 प्रकरण निराकृत, 327 करोड़ के अवार्ड पारित

जबलपुर/भोपाल। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली (National Legal Services Authority, New Delhi) के निर्देश तथा मप्र उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक (Chief Justice of MP High Court Justice Mohammad Rafiq) के मार्गदर्शन शनिवार को प्रदेश के समस्त न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत (National Lok Adalat in all courts) का सफल आयोजन किया गया। इस लोक अदालत में प्रदेशभर में 79 हजार 622 प्रकरणों का सफल निराकरण हुआ और कुल राशि 327 करोड़ 09 लाख 93 हजार 951 रुपये के अवार्ड/डिक्री /मुआवजा /वसूली के आदेश पारित किए गए।


मप्र उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक द्वारा शनिवार को नेशनल लोक अदालत एवं ऑनलाइन विवाद समाधान प्लेटफार्म का ई-शुभारंभ किया गया। इसके साथ ही मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, मध्यप्रदेश पुलिस, विश्व बैंक तथा सामा के संयुक्त तत्वाधान में ऑनलाइन विवाद निवारण का एक नया अध्याय शुरू हुआ। यह कार्यक्रम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में भोपाल, जबलपुर व ग्वालियर जिलों में प्रारम्भ किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत पुलिस डायल 100 के माध्यम से पुलिस महिला ऊर्जा हेल्प डेस्क को प्राप्त होने वाले मामलों में से मीडिएशन योग्य मामलों को ऑनलाइन मीडिएशन हेतु सामा डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से प्रशिक्षित मध्यस्थों/सामुदायिक वालेन्टियर्स को रेफर किया जायेगा । इस माध्यम से प्रारंभिक स्तर पर ही विवादों को सुलझाया जाना संभव हो सकेगा ।

नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु मप्र उच्च न्यायालय की मुख्यपीठ जबलपुर, खण्डपीठ इंदौर एवं ग्वालियर सहित समस्त जिला न्यायालयों, तहसील न्यायालयों, कुटुम्ब न्यायालयों, श्रम न्यायालयों में लोक अदालत की खण्डपीठें गठित की गई। समझौता योग्य न्यायालयों में लंबित विभिन्न प्रकृति के प्रकरणों में:- आपराधिक शमनीय प्रकरण, पराक्राम्य अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत प्रकरण, बैंक-मनी रिकवरी संबंधी मामलें, एम.ए.सी.टी. प्रकरण (मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण), वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद प्रकरण, भूमि अधिग्रहण के प्रकरण एवं जल कर/विद्युत चोरी सहित शमनीय प्रकरण, सेवा मामलें (जो सेवा निवृत्त संबंधी लाभों से संबंधित है) और दीवानी इत्यादि विभिन्न प्रकृति के महत्वपूर्ण मामलें रखे गये। इसके अलावा प्रीलिटिगेशन (मुकदमा पूर्व) के अंतर्गत:- पराक्राम्य अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत प्रकरण, बैंक रिकवरी संबंधी मामले, श्रम विवाद संबंधी मामले तथा विद्युत एवं जल कर/बिल संबंधी (सिर्फ शमनीय प्रकरण), बिल संबंधी प्रकरण, आपराधिक शमनीय प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, दीवानी इत्यादि सभी प्रकार के मामले लोक अदालत में निराकरण हेतु विचारार्थ रखे गये।

समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों एवं उच्च न्यायालय विधिक सेवा समितियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में विभिन्न प्रकृति के कुल चार लाख 75 हजार 981 प्रकरण रखे गये, जिसमें से कुल 79 हजार 622 प्रकरणों का सफल निराकरण हुआ और कुल राशि तीन अरब, 27 करोड़, 09 लाख 93 हजार 951 रुपये के अवार्ड/डिक्री /मुआवजा /वसूली के आदेश पारित किए गए।

मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर की सदस्य सचिव गिरिबाला सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण में प्रदेश के सभी मीडिया प्रतिनिधियों को सक्रिय सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है। इसके अतिरिक्त म.प्र. के समस्त न्यायाधीशगण, प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारीगण, अधिवक्तागण एवं समाजसेवीगण तथा आमजन एवं दूरस्थ ग्रामीण अंचलों से आये पक्षकारगणों को लोक अदालत के इस पावन कार्य में सहयोग के लिये भी आभार व्यक्त किया गया है। सदस्य सचिव द्वारा न्यायदान की इस पावन परम्परा को भविष्य में भी इसी प्रकार संचालित करने के लिये सभी से सार्थक सहयोग की अपेक्षा की गयी है। (एजेंसी, हि.स.)

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