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MP: भोजशाला परिसर मंदिर या मस्जिद? जानें कोर्ट के किस आदेश के खिलाफ है मुस्लिम पक्ष

धार: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार (Dhar) जिले में भोजशाला (Bhojshala) कमाल मौला मस्जिद परिसर का आज यानि 23 मार्च को भी एएसआई (ASI) की ओर से सर्वे (survey) किया जा रहा है. परिसर में आज सर्वे का दूसरा दिन है. परिसर में एएसआई सर्वे पर मस्जिद (mosque) के अध्यक्ष ने नाराजगी जताई है. अध्यक्ष ने एमपी उच्च न्यायालय (MP High Court) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की है. वहीं एएसआई टीम के साथ पुलिस और स्थानीय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी परिसर में मौजूद हैं. यह सर्वे दोपहर तक चलने की संभावना है.

इस परिसर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है. एएसआई सर्वे के दौरान परिसर में हिंदू पक्ष के वकील आशीष गोयल और गोपाल शर्मा भी मौजूद हैं. जबकि कमाल मौला मस्जिद कल्याण सोसायटी के अध्यक्ष अब्दुल समद इस सर्वे में शामिल नहीं हुए.अब्दुल समद के मुताबिक, तबीयत ठीक न होने की वजह से वह परिसर में नहीं आ पाए. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें जानकारी देर से मिली थी.


अध्यक्ष अब्दुल समद ने इस दौरान कहा कि हम उच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं… अगर संविधान के दायरे में और उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए सर्वेक्षण कराया जाए तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसमें नए मुद्दे पैदा हो रहे हैं जैसे 2004 में खंभे रखे गए है. उनके मुताबिक, मुस्लिम समुदाय ने इन खंभों पर आपत्ति जताई है और इसके लिए ज्ञापन भी दिया है. उनका मानना है कि विरोध के बाद भी वे खंभे परिसर से हटाए नहीं गए हैं. इन खंभों को सर्वेक्षण में शामिल करने की योजना है. समद ने आगे कहा कि परिसर में एक नई मूर्ति रखी गई है. इसीलिए वो नए सर्वे का विरोध कर रहे हैं. साथ ही आगे बताया कि कोर्ट ने यह आदेश तब पारित किया है जब मुस्लिम समुदाय के सदस्यों द्वारा दायर भोजशाला से जुड़े विभिन्न मामले अभी भी लंबित हैं.

इसके लिए भी सोसाइटी ने तुरंत सुनवाई के लिए 16 मार्च को एमपी उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था. लेकिन इसकी सुनवाई 1 अप्रैल को होगी. आपको बता दें कि एमपी उच्च न्यायालय ने 11 मार्च को एएसआई को धार जिले के भोजशाला परिसर का छह हफ्ते के अंदर सर्वे रिपॉर्ट सबमिट करने के लिए आदेश दिए हैं. यहां हिंदू पक्ष भोजशाला परिसर को वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानता है जबकि मुस्लिम पक्ष इस परिसर को कमाल मौला की मस्जिद बताता है. एएसआई के सात अप्रैल 2003 को जारी एक आदेश के तहत हिंदुओं को हर मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है जबकि मुसलमानों को हर शुक्रवार को इस जगह नमाज अदा करने की इजाजत दी गई है.

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