भोपाल. मध्य प्रदेश (MP) की राजधानी भोपाल (Bhopal) की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को एक 30 वर्षीय व्यक्ति को पिछले साल एक नाबालिग लड़की (Minor girl) के साथ बलात्कार और हत्या के लिए तीन आरोपों के तहत दोषी ठहराते हुए तीन बार मौत की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उसकी मां (Mother) और बहन (Sister) को भी दो-दो साल जेल की सजा सुनाई गई है. ये वारदात पिछले साल सितंबर में हुई थी.
अभियोजन पक्ष के जनसंपर्क अधिकारी मनोज त्रिपाठी ने बताया कि यह पहली बार है कि राज्य में किसी व्यक्ति को तिहरी मौत की सजा सुनाई गई है. 24 सितंबर, 2024 को शाहजहानाबाद इलाके में अपने चाचा के फ्लैट से निकलने के बाद नाबालिग लड़की लापता हो गई थी. निकलने से पहले उसने अपनी दादी से कहा था कि वो 15 मिनट में वापस आ जाएगी.
पीड़िता जब घर वापस नहीं आई तो उसकी दादी ने तलाश शुरू कर दी. वो जब नहीं मिली, तो उसके परिवार के सदस्यों ने पुलिस को सूचित किया. पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी. पुलिस ने तकनीकी निगरानी का इस्तेमाल किया और डॉग स्क्वॉड को शामिल किया. तलाशी के दौरान पुलिस को आरोपी के फ्लैट से दुर्गंध आती हुई दिखाई दी.
पुलिस ने जब उसका दरवाजा खुलवाया, तो उसकी मां बसंती बाई और बहन चंचल ने बताया कि मरे हुए चूहों की वजह से बदबू आ रही है. उन्होंने कहा कि अभी-अभी फर्श को फिनाइल से साफ किया है. पुलिस ने जब जबरन अंदर घुसकर तलाशी लेनी चाही, तो दोनों महिलाओं ने चिल्लाना शुरू कर दिया. उन दोनों ने पुलिस को तलाशी लेने से रोक दिया.
हालांकि, महिला पुलिस ने उन्हें अलग ले जाकर तलाशी जारी रखी. पुलिस ने पाया कि बदबू एक सफेद प्लास्टिक के पानी के टैंक से आ रही थी. पुलिस टीम को उसके अंदर पीड़िता का शव मिला. जांच के बाद डॉक्टरों ने पुष्टि कर दी कि पीड़ित लड़की के साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया गया था. उसके प्राइवेट पार्ट को बुरी तरह से घायल कर दिया गया था.
आरोपी अतुल निहाले, उसकी मां और बहन से पूछताछ के बाद पुलिस ने पीड़िता के कपड़े और अपराध में इस्तेमाल चाकू बरामद किया. आरोपी ने अपराध स्वीकार किया और पुलिस को बताया कि उसकी मां और बहन ने अपराध को छिपाने में मदद की थी. डीएनए टेस्ट में भी अतुल निहाले द्वारा बलात्कार की पुष्टि हुई थी. इसके साथ ही कई अन्य सबूत उसके खिलाफ थे.
न्यायाधीश कुमुदिनी पटेल ने कहा कि आरोपी की राक्षसी प्रकृति, अपराध करने का तरीका, जिसके तहत उसने लड़की के निजी अंग को चाकू से चौड़ा किया और जब उसने विरोध किया, तो उसने लड़की पर हमला कर उसे मार डाला और योजनाबद्ध तरीके से शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की थी. ये दर्शाता है कि उसमें सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है.
न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी स्वभाव से अत्यंत क्रूर, निर्दयी, वीभत्स, परपीड़क और पाशविक है. यदि ऐसा कोई मामला है जिसके लिए मृत्युदंड दिया जाना चाहिए, तो वो ये मामला है. उन्होंने अतुल निहले को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64 (ए), 66 और 103 और पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है.
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