
भोपाल. चुनाव आयोग (EC) ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के 55 जिलों (55 districts) में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू कर दिया है. विपक्षी कांग्रेस (Congress) ने इसे जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया. उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी राम प्रताप सिंह जादौन ने बताया कि SIR के शुरू होने के साथ ही मध्य प्रदेश में मतदाता सूचियों को अपडेट और वेरिफाई करने का काम शुरू हो गया है. उन्होंने बताया कि इसके लिए राज्य भर के 65,014 मतदान केंद्रों पर एक ब्लॉक स्तरीय अधिकारी (BLO) तैनात किया गया है, जो घर-घर जाकर गणना प्रपत्र वितरित करेंगे.
एक महीने तक चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य है कि सभी पात्र मतदाताओं के नाम सूची में जोड़े जाएं और अपात्र मतदाताओं के नाम हटाए जाएं. चुनाव आयोग ने 4 नवंबर से मध्य प्रदेश सहित 12 राज्यों में एसआईआर शुरू करने की घोषणा की है. इस पहल के तहत, BLO घर-घर जाकर मतदाताओं को मतदाता गणना प्रपत्र प्रदान करेंगे. आयोग ने कहा है कि मतदाता सूची को अपडेट करने और त्रुटियों को सुधारने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है.
चुनाव आयोग के अनुसार, दावे और आपत्तियां 8 जनवरी तक स्वीकार की जाएंगी और 31 जनवरी तक सभी दावों का निपटारा होने के बाद, 7 फरवरी को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी.
कांग्रेस विधायक और विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने दावा किया कि SIR प्रक्रिया जल्दबाजी में की जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा की “कठपुतली” बन गया है और सत्तारूढ़ दल के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एसआईआर का इस्तेमाल कर रहा है.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि चुनाव आयोग पारदर्शी तरीके से काम कर रहा है और विपक्षी दल को इस प्रक्रिया का स्वागत करना चाहिए.
उन्होंने बताया कि भोपाल स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में एसआईआर के संबंध में एक कार्यशाला आयोजित की गई और बूथ स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं को तैयारियों की जानकारी दी गई.
खंडेलवाल ने जोर देकर कहा कि इस व्यापक अभियान का उद्देश्य है कि पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में बने रहें, जबकि अपात्र मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए जाएं.
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