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MP: बाढ़ प्रभावितों की जिंदगी सामान्य बनाने के लिए जुटें सभी : शिवराज

– मुख्यमंत्री ने ग्वालियर-चंबल संभाग के अधिकारियों और क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों से किया संवाद

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि प्रदेश के जिन जिलों में बाढ़ ने कहर (flood wreaks havoc) बरपाया, वहां जल्द से जल्द सभी व्यवस्थाएँ दुरस्त बनाने का कार्य किया जा रहा है। संबंधित जिलों के प्रशासनिक अमले को सामाजिक संस्थाओं से सहयोग लेकर सबसे पहले प्रभावितों को भोजन पैकेट, आटा और पेयजल उपलब्ध करवाने का कार्य किया जाए। प्रभावित परिवारों को जरूरत के अनुसार दवाइयाँ आदि भी प्रदान की जाएं। उनकी जिंदगी को सामान्य बनाने के लिए प्रत्येक आवयक कदम उठाया जाये। सभी लोग प्रभावितों की सहायता में जुट जाएं।

मुख्यमंत्री चौहान ने रविवार देर शाम वीडियो कांफ्रेंस द्वारा प्रभावित जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों और क्राइसेस मैनेजमेंट टीम के सदस्यों के साथ चर्चा के दौरान यह निर्देश दिये। उन्होंने श्योपुर, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, मुरैना, भिंड, गुना और ग्वालियर जिला प्रशासन से संवाद कर राहत कार्यों की जानकारी ली।

केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी बैठक से वर्चुअली जुड़े। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान की तत्परता के कारण प्रभावित जिलों में लोग जल्दी ही कष्ट से उबर जाएंगे। सर्वेक्षण के पश्चात पात्र लोगों को सम्पत्ति आदि के नुकसान पर राहत राशि भी प्रदान की जाये। विकेंद्रित व्यवस्था से समाज का सहयोग लेकर राहत कार्यों को पूरा करना चाहिए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुँचाने के उद्देश्य से टास्क फोर्स का गठन भी किया है। संबंधित 12 विभाग और उनके मंत्री निरंतर समीक्षा कर रहे हैं। मंत्री जिलों में रहकर राहत कार्यों की निगरानी भी कर रहे हैं। पहला उद्देश्य जनता को राहत प्रदान कर पुनर्वास के कार्य पूरे करने हैं। इसके पश्चात पुनर्निर्माण के लक्षय को पूरा किया जायेगा। क्षति के सर्वे के लिए पारदर्शी कार्यवाही की जाये।

उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण कार्य के पश्चात उन परिवारों को प्रारंभिक तौर पर 6 हजार रूपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाये, जिनके मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। दीर्घकालिक योजना में ऐसे क्षतिग्रस्त मकानों में रहने वाले परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना की तरह 1 लाख 20 हजार रुपये की राशि देने का कार्य किया जायेगा।

जिलावार बातचीत और समीक्षा
श्योपुर : मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले में कुछ केंद्र बनाकर भोजन तैयार कर प्रभावित ग्रामों में पहुँचाएं। श्योपुर-शिवपुरी पुल और अन्य क्षतिग्रस्त मार्गों को प्रारंभ करने के संबंध में कार्यवाही प्रारंभ की जाये। श्योपुर में कैंप कर रहे आयुक्त नगरीय प्रशासन निकुंज श्रीवास्तव ने सफाई व्यवस्था, पेयजल और विद्युत आपूर्ति सामान्य रखने के प्रयासों की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि जो ग्राम अधिक प्रभावित रहे उनमें सबसे पहले पेयजल और भोजन व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। करीब 90 प्रतिशत प्रभावित गाँवों में विद्युत प्रदाय होने लगा है। ग्वालियर और इंदौर से कुल 12 जेसीबी, 6 डंपर, 30 ट्रेक्टर, 150 सफाई कर्मचारी श्योपुर में पहुँचाए गये हैं। राहत के कार्य तीन शिफ्ट में चल रहे हैं। सभी जरूरी व्यवस्थाओं के लिए अधिकारी और स्टॉफ सक्रिय है। ग्राम पंचायतें भी निरंतर सेवा कार्यों में संलग्न हैं। आज नव पदस्थ कलेक्टर और एसपी ने पदभार ग्रहण कर लिया है। सभी राहत कार्यों की पूर्णत: अगले सप्ताह में हो जायेगी।

अशोकनगर : कलेक्टर ने बताया कि करीब 2200 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। अभी दस शिविर चल रहे हैं, 50 ग्राम ऐसे हैं जहाँ लोगों को भोजन उपलब्ध करवाने और पेयजल का प्रदाय किया गया है। तहसील स्तर पर खाना तैयार कर प्रदाय किया जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोई व्यक्ति भूखा न रह जाये, यह सुनिश्चित करें। मध्यान्ह भोजन तैयार करने वाले व्यक्तियों को दायित्व दिया जाये। लोक निर्माण विभाग शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत की योजना तैयार कर कार्य शुरू करे। स्वास्थ्य विभाग सिल्ट और मलबे को देखते हुए आवश्यक दवाओं के छिड़काव और जनता को औषधियाँ उपलब्ध कराने पर ध्यान दे।

मुरैना : कलेक्टर ने बताया कि जिले में रेस्क्यू का कार्य पूरा हो गया है। कोई भी व्यक्ति कहीं भी बाढ़ में नहीं फँसा है। प्रभावित लोगों को तैयार खाना और आटा उपलब्ध करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय जन-प्रतिनिधि इस आपदा के समय अपना अधिकतम सहयोग प्रदान करें।

शिवपुरी : मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि शिवपुरी जिला प्रशासन ने मेहनत की है। शिवपुरी शहर में चार केंद्रों पर खाना तैयार कर ग्रामों में पहुँचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी भी पाँच ग्राम अन्य क्षेत्रों से कटे हुए हैं। लोक निर्माण विभाग सड़कों के गड्ढे भरने और अन्य संधारण कार्य भी जल्दी करता है, तो लोगों को सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मकानों के पुनर्निर्माण में एक साथ सामग्री लेकर कार्य हो ताकि लागत अधिक न आये।

गुना: कलेक्टर ने बताया कि जिले में 1700 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। कुल 53 मवेशियों के मृत होने की जानकारी मिली है। जन-प्रतिनिधि राहत कार्यों में अच्छा सहयोग दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुना जिले में प्रशासनिक अधिकारियों और सामाजिक संस्थाओं ने बेहतर भूमिका निभाई है।

ग्वालियर: कलेक्टर ने बताया कि डबरा और भितरवार में 6 ट्रक सामग्री पहुँच गई है। बाढ़ प्रभावितों को पाँच लीटर केरोसिन और 50 किलो आटा प्रदान किया जा रहा है। इसी सप्ताह प्रभावित व्यक्तियों को किराये के मकान में रहने या क्षतिग्रस्त मकान को रिपेयर कराने के लिए 6 हजार रुपये की अंतरिम राहत राशि प्रदान कर दी जायेगी। रेडक्रास और अन्य संस्थाएँ सहयोग दे रही हैं। सर्वेक्षण कार्य प्रारंभ किया गया है। क्षति का सही आंकलन हो इसलिए सर्वे दल में शिक्षक की सेवाएँ भी ली जा रही हैं। इस कार्य में लापरवाही बरतने पर चार कर्मचारी निलंबित भी किये गये हैं। नलजल योजनाएँ चालू हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने निरीक्षण में कुछ राहत कार्यों को खुद देखा था। अधो-संरचना को प्रभावी बनाने में कार्य निरंतर जारी रखे जायें।

दतिया: कलेक्टर ने बताया सिंध नदी के किनारे के 36 ग्राम प्रभावित थे। क्षति का सर्वेक्षण करवाया गया है। कुल 1125 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, 225 पशु हानि है। कुल 23 राहत शिविर में करीब 7 हजार लोगों को रखा गया। प्रभावितों को फिलहाल 20 किलो आटा और दाल, चार किलो आलू, एक पैकेट नमक और माचिस जैसी जरूरी चीजें उपलब्ध कराई गयी हैं। प्रभावित परिवारों की संख्या 7500 है। जिले के 67 ग्राम प्रभावित हुए हैं, वर्तमान में चंबल का जल स्तर 126 मीटर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावितों को 50 किलो अनाज का प्रदाय सुनिश्चित करें।

बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह एवं टास्क फोर्स के संयोजक डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री मनीष रस्तोगी, संचालक जनसम्पर्क आशुतोष प्रताप सिंह उपस्थित थे। (एजेंसी, हि.स.)

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