
चंडीगढ़ । सांसद कुमारी सैलजा (MP Kumari Sailja) ने प्रश्नकाल के दौरान (During the Question Hour) लोकसभा की कार्यवाही का सफल संचालन किया (Successfully conducted the Proceedings of Lok Sabha) । कुमारी सैलजा ने अपनी कार्यकुशलता और दक्षता का प्रभावशाली परिचय दिया।
लोकसभा की कार्रवाई की पीठासीन अधिकारी के रूप में सदन का सुचारू रूप से संचालन किया। कुमारी सैलजा ने करीब एक घंटे तक सदन की गरिमा और अनुशासन को बनाए रखते हुए विभिन्न सदस्यों को अपने विचार रखने का पूरा अवसर दिया। उनकी संयमित, स्पष्ट और प्रभावी कार्य-शैली की सांसदों ने सराहना की।
सांसद कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि हरियाणा के विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था में बेहद गंभीर खामियां उजागर हो रही है। राज्य के 60 प्रतिशत स्कूलों में शिकायत पेटियां तक नहीं लगी हुई है, जबकि 80 प्रतिशत विद्यालयों में शिकायत निवारण समितियां लंबे समय से निष्क्रिय पड़ी हैं। स्थिति यह है कि 65 प्रतिशत विद्यार्थियों को यह भी जानकारी नहीं कि किसी समस्या की शिकायत किससे करनी है। ये तथ्य बताते हैं कि स्कूलों में सुरक्षा के लिए बनाए गए नियम न तो लागू हुए और न उनकी निगरानी की गई। यदि सरकार इस दिशा में तुरंत और ठोस कदम नहीं उठाती है, तो यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ माना जाएगा और जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी।
मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि एक समाचार पत्र ने विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था में बेहद गंभीर खामियां उजागर किया है। कुमारी सैलजा ने इस स्थिति को अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार विद्यालय सुरक्षा के मामले में पूर्णत: विफल रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों के उत्पीड़न की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं लेकिन सरकार ने न तो कोई ठोस नीति बनाई और न ही मौजूदा सुरक्षा तंत्र को प्रभावी ढंग से लागू किया। उनका कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था केवल कागजों में दिखाई जाती है, जबकि धरातल पर स्थिति बेहद भयावह है। कुमारी सैलजा ने कहा कि विद्यालय बच्चों के सुरक्षित विकास का स्थान होते हैं और यदि वहीं असुरक्षा का माहौल बन जाए तो यह पूरे समाज की असफलता है।
सांसद कुमारी सैलजा ने सरकार से तत्काल सभी विद्यालयों में शिकायत पेटियां लगाने, निष्क्रिय समितियों को तुरंत सक्रिय करने और विद्यार्थियों को शिकायत प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए राज्य-स्तरीय जागरूकता पहल शुरू करने की मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरती है, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि जवाबदेही तय हो सके।
कुमारी सैलजा ने यह भी कहा कि विद्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था की तिमाही समीक्षा अनिवार्य की जाए, ताकि किसी भी ढिलाई को समय रहते दूर किया जा सके। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह केवल कोई प्रशासनिक मुद्दा नहीं है बल्कि हर बच्चे के सम्मान, सुरक्षा और अधिकारों का प्रश्न है। यदि सरकार इस दिशा में तुरंत और ठोस कदम नहीं उठाती है, तो यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ माना जाएगा और जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी।
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