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मप्रः आकर्षक लाइट एण्ड साउंड सिस्टम से नए रूप में दिखेगा महाकाल परिसर

– महाशिवरात्रि पर जगमगाएगा उज्जैन, परियोजना के प्रथम चरण के कार्य पूर्णता की ओर

भोपाल। महाकाल मंदिर परिसर (Mahakal Temple Complex), उज्जैन शीघ्र ही अति-आकर्षक स्वरूप ग्रहण करने जा रहा है। आकर्षक लाइट एण्ड साउंड सिस्टम (Attractive light and sound system) स्थापित होने से महाकाल परिसर बिल्कुल नए रूप में दिखेगा। महाकाल मंदिर परिसर विस्तार योजना के प्रथम चरण के कार्य 90 प्रतिशत पूर्ण हो गये हैं। कुल 714 करोड़ रुपये की परियोजना में से मध्यप्रदेश सरकार 421 करोड़ रुपये की धन राशि खर्च कर रही है। केन्द्रांश 271 करोड़ रुपये के साथ ही प्रबंध समिति 21 करोड़ की राशि खर्च कर रही है।


यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में शुक्रवार शाम को मंत्रालय में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में दी गई। मुख्यमंत्री ने उज्जैन में संचालित निर्माण कार्यों और सौंदर्यीकरण योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव नगरीय विकास मनीष सिंह, प्रमुख सचिव जनसम्पर्क राघवेंद्र कुमार सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री मोदी से करेंगे लोकार्पण का अनुरोध
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकाल मंदिर परिसर विस्तार योजना के कार्यों को आगामी 3 माह में व्यवस्थित रूप से पूर्ण कर लिया जाए। इन कार्यों के पूर्ण होने पर लोकार्पण की तिथि तय होगी। इसके लिए वे दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित कर लोकार्पण का अनुरोध करेंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि महाकाल मंदिर के अलावा उज्जैन के अन्य मंदिरों और दर्शनीय स्थानों का इस तरह विकास हो और अन्य गतिविधियाँ भी संचालित हों, जिससे श्रद्धालु और पर्यटक एक-दो दिन रुकना चाहें। श्रद्धालु यहाँ की यात्रा के बाद पूर्ण आनंद और संतोष का भाव लेकर जाएं।

महाशिवरात्रि पर उज्जैन जगमगाए, दिव्यता-भव्यता के दर्शन हों
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी महाशिवरात्रि एक मार्च को उज्जैन में घर-घर में दीप जलाए जाएँ। इसमें व्यापक जन-भागीदारी हो। उन्होंने महाकाल महाराज मंदिर परिसर उज्जैन की विस्तार योजना के कार्यों की विस्तार से समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि कोटि तीर्थ शुद्ध जल से भरा रहे और यह क्षेत्र भव्यता और दिव्यता के अनुभव करवाए।

उन्होंने कहा कि क्षिप्रा में जल का प्रवाह बना रहे। देश में अक्षरधाम जैसे स्थानों की तरह बल्कि उससे भी श्रेष्ठ जनाकर्षण उज्जैन के स्थानों पर रहे, इसके प्रयास हों। सिंहस्थ के लिए भी स्थायी महत्व के कार्य किए जायें। जो कार्य शेष हैं उन्हें व्यवस्थित रूप से पूर्ण किया जाए। महाकाल मंदिर परिसर में प्रथम और द्वितीय चरण में किये जा रहे कार्यों के पूर्ण होने के फलस्वरुप उज्जैन में महाकाल परिसर और अन्य स्थानों पर विशेष सुविधाओं का विकास होगा। परियोजना के दोनों चरण जून 2023 तक पूर्ण हो जाएंगे। प्रथम चरण के कार्य अगले तीन माह में पूर्ण होंगे। यह कार्य आने वाले सिंहस्थ- 2028 की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण होंगे।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि उज्जैन में इस तरह कार्य हों कि संपूर्ण क्षेत्र आकर्षक लगे। यहाँ आवश्यकतानुसार वृक्षा-रोपण भी किया जाए। नगर के सौंदर्य में वृद्धि के लिए आवश्यक कार्यों को शीघ्र पूर्ण किया जाए। देश के प्रमुख अन्य तीर्थ स्थानों की तरह यहाँ जन-आकर्षण बढ़ाया जाए। संपूर्ण क्षेत्र भगवान शिव की महिमा का दर्शन करवाने वाला हो।

उज्जैन का मनाएँ जन्म-दिवस
उन्होंने कलेक्टर आशीष सिंह को निर्देश दिए कि जिस तरह व्यक्ति के जन्म-दिन पर विशेष कार्यक्रम होते हैं, उज्जैन में भी नगर के जन्म-दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाएं। यह जन्म-दिन कार्यक्रम व्यापक जन-भागीदारी का हो। प्रदेश के अन्य नगरों, ग्रामों के जन्म-दिवस के आयोजन भी किए जाएँ। यह अवसर नगर और ग्राम के विकास पर चर्चा और सुनियोजित प्रयासों को लागू करने का संकल्प दिवस भी होगा। जन्म-दिवस पर नगर और ग्राम विकास की ठोस रूप रेखा भी तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश
– सिंहस्थ की दृष्टि से आवश्यक कार्य हों। सभी कार्य गुणवत्ता पूर्ण हों।
– उज्जैन में बाबा महाकाल मंदिर के साथ ही अन्य कई स्थान हैं, जिनका पर्याप्त विकास एवं प्रचार-प्रसार किया जाये, ताकि उज्जैन आने वाले पयर्टक यहाँ कुछ समय व्यतीत करें।
– रूद्र सागर में शुद्ध पानी हमेशा बना रहे यह सुनिश्चित हो।
– पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक सुविधाएँ निरंतर बढ़ाई जाएँ।
– प्रतीक्षालय और पार्किंग स्थल सुविधाजनक हों।
– हैरिटेज धर्मशाला का कार्य भी गुणवत्ता पूर्ण हो।
– पैदल पुल एवं अन्य कार्यों को समय पर पूरा करें ।
– लाइट एंड साउंड शो आकर्षक हों। स्थानीय लोग भी इन्हें देखें।
– महाकाल मंदिर के साथ ही सांदीपनि आश्रम, काल भैरव और अन्य मंदिरों पर आवश्यक सुविधाएँ हों।
– रामघाट के सौंदर्यीकरण के कार्य पूर्ण किए किए जाएँ।
– महाशिवरात्रि पर दीपों से घरों को जगमगाए। इसमें जन-भागीदारी सुनिश्चित करें।

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