मुम्बई। मुंबई (Mumbai) का मशहूर लीलावती हॉस्पिटल (Lilavati Hospital) एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार किसी सेलिब्रेटी या बड़े बिजनेसमैन (Celebrity or big Businessman) के यहां एडमिट होने के कारण ये अस्पताल सुर्खियों में नहीं आया बल्कि इस बार ऐसी अजीब वजह से चर्चा में हैं जिस पर यकीन कर पाना मुश्किल है।
दरअसल, प्रतिष्ठित लीलावती अस्पताल के पूर्व ट्रस्टियों पर वर्ममान ट्रस्टियों ने 1,200 करोड़ की धनराशि के घोटाले का आरोप लगाया है। इसके साथ ही अस्पताल में काला जादू किए जाने का दावा किया गया है। इतना ही नहीं मानव की हड्डियों और बालों से भरा कलश अस्पताल क की फर्श के अंदर से मिला है।
लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट के वर्तमान ट्रस्टी प्रशांत किशोर ने पूर्व ट्रस्टियों पर घोटाला करने और काला जादू करवाने का अरोप लगाया है। इतना ही नहीं वर्तमान ट्रस्टियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है और दावा किया है उनके पास पूरे सबूत हैं।
वर्तमान ट्रस्ट्री प्रशांत किशोर ने बताया कि हमें पुराने कर्मचारियों ने बताया कि लीलावती अस्पताल पूर्व ट्रस्टियों ने ट्रस्ट के अध्यक्ष के बैठने वाले कैबिन में काला जादू किया है। जिसके बाद केबिन की फर्श के नीचे की खुदाई सबके सामने करवाई गई जिसमें मनुष्य की हड्यिों और बालों से भरे 8 कलश मिले हैं। इसके अलावा अन्य काला जादू से जुड़ी अन्य चीजें बरामद हुई हैं।
इसकी शिकायत लेकर अस्पताल के ट्रस्टी बांद्रा पुलिस स्टेशन पहुंचे लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की तो कोर्ट का रुख किया और अब काले जादू के मामले की जांच शुरू हो गई है।
लीलावती अस्पताल का कब शुरू हुआ विवाद
ट्रस्टियों ने बताया कि लीलावती अस्पताल का निर्माण 1997 में प्रशांत मेहता के पिता किशोर मेहता ने करवाया था 2002-03 में किशोर मेहता इलाज के लिए विदेश चले गए। उनके बेटे ने प्रशांत मेहता बताया कि इसी दौरान किशोर मेहता के भाई विजय मेहता ने जाली हस्ताक्षर से लीलावती अस्पताल ट्रस्ट पर कब्जा जमा लिया।
प्रशांत मेहता ने बताया विजय मेहता ने अपने बेटे और अन्य रिश्तेदारों को लीलावती ट्रस्ट में शामिल कर लिया। कुछ समय बाद विजय मेहता के खिलाफ किशोर मेहता, उनकी पत्नी चारु मेहता और प्रशांत मेहता ने असिस्टेंट चैरिटी कमिश्नर ऑफिस में शिकायत की थी। 20 साल के बाद ये केस फाइलन हुआ और लीलावती अस्पताल के ट्रस्ट पर किशोर मेहता, चारु मेहता और उनके बेटे प्रशांत मेहता के नाम पर हुआ। विजय मेहता ने असिस्टेंट चैरिटी कमिश्नर के फैसले को चैरिटी कमिश्नर के यहां चैलेंज किया है और वहां पर ये केस लंबित है।
पूर्व ट्रस्टियों पर करोड़ों के घोटाले संबधी एफआई आर
वर्तमान समय में प्रशांत किशोर अस्पताल की बांगडोर संभाल रहे हैं। उन्होंने बताया फॉरेंसिक ऑडिट करवाया जिसमें पूर्व ट्रस्टियों के समय मे कई बड़े घोटाले सामने आए हैं। तीन एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है। जिसमें पहली एफआईआर 12 करोड़ रु दूसरी 44 करोड़ रुपये और तीसरी 1250 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ी है।
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