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Navratri : नवरात्रि के सातवें दिन करें ये खास उपाय, मां कालरात्रि की होगी विशेष कृपा

नई दिल्‍ली। शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) धीरे-धीरे समापन की ओर बढ़ रहे हैं और 2 अक्टूबर यानि आज नवरात्रि का सातवां दिन है। इस दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप (seventh form) मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी। मां के इस स्वरूप की पूजा करने से भूत-प्रेत समेत सभी नकारात्मक शक्तियों का अंत हो जाता है और मां भक्तों को आशीष भी प्रदान करती हैं। शत्रुओं और दुष्टों का संहार करने वाली माता कालरात्रि (mata kaalratri) की पूजा करने और सच्चे मन से प्रार्थना करने से सभी दुख दूर होते हैं और जीवन और परिवार में सुख-शांति का वास होता है। शास्त्रों में नवरात्रि की सातवीं तिथि का महत्व बताते हुए कुछ उपाय भी बताए हैं। इन उपायों के करने से जीवन में मंगल और समृद्धि (good luck and prosperity) आती है और विवादों का अंत हो जाता है। आइए जानते हैं नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए कौन से उपाय करने चाहिए…

नवरात्रि की सप्तमी तिथि को देवी को खिचड़ी का भोग भी लगाया जाता है। आप उड़द दाल की खिचड़ी बनाकर, उसे घी से छौंका लगाकर देवी को भोग लगाएं। इसके बाद प्रसाद को लोगों में बांट दें, इससे माता की बड़ी कृपा होती है और ग्रहों का प्रतिकूल प्रभाव भी इससे दूर हो जाता है। इसके साथ ही गुड़हल फूल की माला देवी कालरात्रि को बहुत ही प्रिय है। नवरात्रि की सप्तमी तिथि पर पूजा के दौरान लाल गुड़हल की माला (गुड़हल की माला) पहनाकर देवी को भेंट करें।



नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि के बीज मंत्र ‘ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः’ मंत्र का सवा लाख जप करना चाहिए। इसके बाद रात्रि जागरण करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। ऐसा करने से मां सभी नकारात्मक शक्तियों को दूर करती हैं और सुख-समृद्धि (happiness and prosperity) का आशीर्वाद देती हैं। सवा लाख बार मंत्र का जप करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है, इसके बाद माता से मनोकामना (desire) मांगने पर वह अवश्य पूरी होती है।

देवी कालरात्रि की पूजा-पाठ के दौरान पेठा का भोग लगाना चाहिए। सप्तमी तिथि को देवी कालरात्रि के लिए पेठे की बलि भी दी जाती है। मान्यता है कि इससे बल और विजय की प्राप्ति होती। साथ ही आप अगर किसी कानूनी मामलों में फंसे हुए हैं तो उसमें भी विजय प्राप्त होगी। ऐसी धार्मिक मान्यता है।

घर में अगर छोटे बच्चे हैं तो उनको नवरात्रि के सातवें दिन ताबीज पहना दें। इसके लिए आप काले कपड़े में पीली सरसों, टूटी सूई डालकर काले कपड़े में लपेट दें और इस ताबीज को बच्चे के गले में डाल दें। मान्यता है कि सप्तमी तिथि को काली शक्तियां बहुत जागृत होती हैं। इसलिए बचाव के तौर पर प्राचीन काल से लोग इस उपाय को आजमाते आ रहे हैं।

दुर्गा सप्तशती में कई मंत्रों का जिक्र किया गया है, जो अलग-अलग मनोकामना के लिए है। नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा के दौरान आपकी जैसी मनोकामना हो उसके अनुसार उस मंत्र का सवा लाख जप करें और माता कालरात्रि का खीर एवं मालपुए से हवन करें। ऐसा करने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होगी और नौकरी व व्यवसाय में उन्नति होगी।

नोट– उपरोक्‍त दी गई जानकारी सिर्फ सामान्‍य सूचना के उद्देश्‍य से पेश की गई है इनको लेकर हम की किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते है. इन्‍हें अपनाने से पहले संबंधित‍ विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

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