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 Jharkhand में नक्सलियों ने किया IED हमला, तीन जवान शहीद

रांची । पश्चिम सिंहभूम (West singhbhum) में सड़क निर्माण कार्य की सुरक्षा में लगे सुरक्षाबलों (Security forces) को, नक्सलियों (Naxalites) ने घात लगाकर बम विस्फोट ( bomb Blast) से उड़ा दिया. बम विस्फोट में तीन जवान शहीद हो गए, जबकि दो जवान घायल हैं. पांचों जवान झारखंड के जगुआर के हैं. घटना गुरुवार की बताई जा रही है.

दरअसल, पश्चिम सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर प्रखंड अंतर्गत पोड़ाहाट जंगल के टोकलो थाना क्षेत्र के लांजी गांव में पहाड़ी पर सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया गया है. इस सड़क के बन जाने से ग्रामीणों को बड़ी समस्या से निजात मिलेगी. लेकिन यह पहाड़ी नक्सलियों का भी गढ़ है, जहां नक्सलियों को छुपने की पनाहगाह मिलती है. गुरुवार सुबह जब सुरक्षाबल के जवान सड़क निर्माण कार्य की सुरक्षा को लेकर सर्च ऑपरेशन चला रहे थे, तभी नक्सलियों ने एक डायरेक्शनल आईईडी बम से जवानों के ऊपर ब्लास्ट कर दिया.



बम ब्लास्ट होते ही जोरदार धमाका हुआ, जिसकी गूंज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी. बम ब्लास्ट के बाद पांच जवान घायल हो गए. जिनमें से दो जवान मौके पर ही शहीद हो गए. घटना के बाद मौके पर ही रांची से सेना का हेलिकॉप्टर लाया गया. लांजी पहुंचे हेलिकॉप्टर से एयर लिफ्ट कर तीन घायल जवानों को बेहतर ईलाज के लिए रांची भेजा गया, लेकिन इलाज के क्रम में ही एक और जवान ने दम तोड़ दिया.

नक्सलियों के इस हमले में कुल तीन जवान शहीद हुए, जिनके नाम देवेन्द्र कुमार पंडित, हरद्वार साह और किरण सुरीन हैं. वहीं दिकु टोपनो और निक्कू उरांव घायल हैं. जिनका रांची में इलाज जारी है. घटना के बाद इलाके में डीआईजी राजीव रंजन, एसपी अजय लिंडा, सीआरपीएफ कमांडेंट आनंद जेराई समेत कई पुलिस अधिकारीयों ने विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के सुरक्षाबलों को लेकर क्षेत्र में सर्च अभियान और तेज कर दिया है. माओवादियों को इस हमले का जवाब देने के लिए सुरक्षाबलों ने कमर कस ली है.

पुलिस ने बताया है कि चाईबासा, सरायकेला और खूंटी जिला के सीमावर्ती क्षेत्र ट्राई जंक्शन में लगातार चल रहे ऑपरेशन से नक्सली बौखला गए हैं. फरवरी महीने की 7 और 8 तारीख को चले अभियान व माओवादियों से हुई जबरदस्त मुठभेड़ में माओवादियों को भारी नुकसान हुआ था. इस मुठभेड़ में माओवादी सेंट्रल कमिटी मेंबर अनल उर्फ पतिराम मांझी और जोनल कमिटी मेंबर महाराज प्रमाणिक का वर्चस्व ट्राई जंक्शन में खत्म हो गया था. इसी को लेकर बदले की भावना से बौखलाए माओवादियों ने सुरक्षाबलों पर धोखे से बम विस्फोट कर हमला किया.

चाईबासा जिला पुलिस एसोसिएशन ने कहा कि नक्सलियों ने इस लड़ाई को रक्तरंजित कर अच्छा नहीं किया. घटना के बाद सूचना पाकर शहीद जवान किरण सुरीन की पत्नी चक्रधरपुर अनुमंल अस्पताल पहुंची, पति के खून से लथपथ शरीर को देख वह फूट-फूट कर रोने लगी. शहीद जवान किरण सुरिन की पत्नी खुंटपानी प्रखंड में एक स्कूल में सरकारी टीचर हैं. उन्होंने बताया कि उनके पति किरण सुरीन से बात हुई थी, किरण ने उन्हें बताया था की वह काम से जा रहा है, कुछ दिन में ही लौट आएगा. लेकिन किरण लौटा नहीं उसका पार्थिव शरीर लौटा है.”

गौरतलब है कि लांजी के जिस पहाड़ी पर यह हमला हुआ है उस पहाड़ी पर सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है. यह सड़क यहां के ग्रामीणों के विकास के लिए अत्यंत जरुरी मानी जा रही है. दूसरी तरफ इस सड़क के बन जाने से नक्सलियों को भी अपना सेफ जोन खत्म होता नजर आ रहा है. यही वजह है कि नक्सली अपने वर्चस्व को कायम रखने के लिए पहाड़ी पर सड़क निर्माण कार्य होने नहीं देना चाहते. यहां सड़क बन गयी तो नक्सलियों का वर्चस्व भी खत्म हो जायेगा.

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