नियामे ( Niamey)। क्या आपने कभी सोचा है कि किसी राष्ट्रपति (President) को सूखे चावल खाने ( eat dry rice) की नौबत आ जाएगी? लेकिन ऐसा सच में हो रहा है, एक देश के राष्ट्रपति को सूखे चावल खाकर पेट भरना पड़ रहा है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं नाइजर (Niger) के लोकतांत्रिक रूप से चुने गए राष्ट्रपति मोहम्मद बाजौम (President Mohamed Bazoum) की. उनका कहना है कि उन्हें अलग-थलग रखा गया है और खाने के नाम पर मिलिट्री जुंटा (military junta) सिर्फ सूखी बर्फ और पास्ता (Dry Ice and Pasta) दे रहा है।
हाल ही में सेना ने नाइजर के राष्ट्रपति मोहम्मद बाजौम का तख्तापलट किया. मिलिट्री जुंटा के ऊपर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाया जा रहा है कि वह बाजौम को सत्ता सौंप दे, मगर उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया है. मिलिट्री जुंटा को लोगों की तरफ से भी समर्थन मिल रहा है. इस वजह से ही वह सत्ता में बने हुए हैं. लोगों को लगता है कि आतंक के खिलाफ पश्चिमी मुल्कों के समर्थन वाली सरकार ने कुछ नहीं किया।
न मिल रहा खाना और न दवा: राष्ट्रपति बाजौम
एक रिपोर्ट के मुताबिक, नाइजर के राष्ट्रपति बाजौम ने अपने दोस्त को मैसेज कर अपने साथ हो रहीं ज्यादतियों को जिक्र किया है. उनका कहना है कि शुक्रवार से ही उन्हें किसी से बात नहीं करने दिया जा रहा है. न तो कोई उन्हें खाना दे रहा है और न दवा. बाजौम का कहना है कि वह बिना बिजली के एक हफ्ते से रह रहे हैं, ठीक वैसे ही जैसे पूरा मुल्क अपनी जिंदगी गुजार रहा है।
राष्ट्रपति बाजौम ने बताया कि उन्हें जितना भी खाना दिया गया, वो सब खराब हो चुका है. हालत ये हो गई है कि उन्हें सूखे चावल और पास्ता खाकर दिन गुजारने पड़ रहे हैं. भले ही राष्ट्रपति को अलग-थलग रखा गया है, मगर उन्हें बाहरी दुनिया से संपर्क करने दिया जा रहा है. तख्तापलट के बाद पिछले दो हफ्तों से राष्ट्रपति बाजौम को घर में नजरबंद करके रखा गया है।
राष्ट्रपति ने हिम्मत रखी बरकरार
नाइजर के प्रधानमंत्री ने कहा है कि भले ही राष्ट्रपति को बुरे हालातों में रखा गया है, मगर उन्होंने अपनी हिम्मत बरकरार रखी है. उन्होंने ये भी बताया है कि मिलिट्री जुंटा ECOWAS के साथ बातचीत जारी रखना चाहता है। ECOWAS नाइजर में पैदा हुए इस संकट से निपटने में मदद कर रही है। पश्चिमी देशों के गठबंधन को ECOWAS के तौर पर जाना जाता है।