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निठारी कांड : एक सिम ने किया था सुरेंद्र कोली के गंदे काम का खुलासा, कोठी के पास नाले से मिले थे 19 नरकंकाल

नोएडा (Noida) । दुनियाभर में सनसनी मचा देने वाले निठारी कांड (Nithari scandal) का खुलासा वर्ष 2006 में एक सिम (Sim) से हुआ था। यह सिम सुरेंद्र कोली (Surendra Koli) के नाम पर उसकी आईडी से खरीदा गया था। इसके बाद सुरेंद्र कोली को 29 दिसंबर 2006 को अल्मोड़ा से गिरफ्तार किया गया। यह कहना है कि सबसे पहले जांच अधिकारी और उस दौरान निठारी चौकी पर तैनात विनोद पांडेय का। इंस्पेक्टर विनोद पांडेय वर्तमान में हापुड़ जनपद में तैनात हैं।

पांडेय ने कहा कि इस कांड की जांच में वह जुटे थे और लापता होने वाले बच्चों का कोई सुराग नहीं लग रहा था। इन लापता होने वाले में सिर्फ 22 साल की लड़की पायल ही ऐसी थी, जिसके पास अपना मोबाइल फोन था। वह नवंबर में लापता हुई थी। 21 दिसंबर 2006 को पायल का मोबाइल ऑन हुआ। इस फोन को ट्रेस करते हुए वह अरुण नामक युवक तक पहुंचे। उसने बताया कि यह फोन उसे एक रिक्शे वाले ने दिया है।

रिक्शे वाले ने किसी और का नाम बताया। सात लोगों से पूछताछ के बाद एक अन्य रिक्शे वाले ने बताया कि यह फोन एक युवक उसके रिक्शे में भूल गया था, जो सेक्टर-37 से सेक्टर-31 के लिए बैठा था। यह स्थान निठारी में डी-2 कोठी के सामने था। इसके बाद उन्होंने वहां की सभी कोठियों के नौकरों और अन्य लोगों को निकाला, जिनमें सुरेंद्र कोली भी शामिल था।


रिक्शे वाला किसी की शिनाख्त नहीं कर सका। फिर दोबारा से रिक्शे वाले से पूछताछ की गई कि उसने मोबाइल में सिम होने की बात स्वीकार की। यह सिम उसने गड्ढे में दबा दिया गया था। उसे वहां ले जाकर सिम निकलवाया गया। जांच में यह सुरेंद्र कोली के नाम पर निकला। लेकिन तब तक सुरेंद्र कोली शक होने पर वहां से भाग चुका था। उसके अल्मोड़ा जाने की जानकारी मिली और वह उसी रात अल्मोड़ा के लिए निकल गए और अल्मोड़ा में जब उसे गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने स्वीकार की लिया था कि बच्चों और युवतियों को मारने के बाद उसने उन्हें टुकड़े-टुकड़े कर नाले में फेंका था। उसे नोएडा लाकर जब डी-5 कोठी के पास नाले में तलाशी ली गई तो वहां से 19 नरकंकाल निकले।

निठारी चौकी क्षेत्र से 34 बच्चे हुए थे लापता
इंस्पेक्टर विनोद पांडेय ने बताया कि निठारी चौकी क्षेत्र से उन दिनों 34 बच्चे लापता हुए थे। जांच में पता चला कि सभी बच्चों को, जिस 50 मीटर के दायरे में अंतिम बार देखा गया था, वह डी-5 कोठी के पास का ही इलाका था। इसे ब्लैक स्पॉट मानते हुए यहां पिकेट लगा दी गई। पिकेट लगने के बाद कोई बच्चा गायब नहीं हुआ, लेकिन जैसे ही पिकेट हटी तो फिर से दो युवतियां लापता हो गईं।

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